डिग्री कॉलेजों में सभी भर्तियां तीन साल में भर ली जाएंगी : सरकार

Edited By pooja,Updated: 27 Jul, 2018 09:27 AM

all recruitments in degree colleges will be filled in three years government

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज राज्यसभा में कि देश के सभी डिग्री कालेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को तीन साल में भरने के लिये कहा गया है।

नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज राज्यसभा में कि देश के सभी डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को तीन साल में भरने के लिये कहा गया है। राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के महाविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी के सवाल पर जावड़ेकर ने बताया कि न सिर्फ महाविद्यालयों बल्कि केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में भी शिक्षकों के सभी रिक्त पदों को भरने के लिये कहा गया है। 

जावड़ेकर ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कुल 19732 महाविद्यालयों के 6,80,924 स्वीकृत पदों में 1,37,298 पद (20.1 प्रतिशत) पद रिक्त हैं। शहरी क्षेत्र के 15,108 महाविद्यालयों में 5,71356 स्वीकृत पदों में 1,68,719 पद (29.5 प्रतिशत) रिक्त हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम के तहत स्थापित महाविद्याल संबद्ध राज्य सरकार के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में आते हैं। इसलिये केन्द्र सरकार या यूजीसी राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया में दखल नहीं दे सकता है। 


जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय ने सभी विश्वविद्यालयों को तीन साल के भीतर शिक्षकों के सभी पदों पर रिक्तियों को भरने के लिये कहा है। भर्ती में पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अभ्यर्थियों का आरक्षण प्रभावित होने की आशंका के सवाल पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में किसी भी वर्ग का आरक्षण प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। 


जावड़ेकर ने बताया कि हाल ही में शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले की वजह से भर्ती प्रक्रिया बाधित हुयी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। इस पर 13 अगस्त को फैसला आने का इंतजार है। शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रालय ने गत वर्ष 13 नवंबर को शिक्षा व्यवस्था के आकलन के लिये दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराया। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा मान्यता प्राप्त इस सर्वेक्षण में तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षा के 22 लाख और 10वीं कक्षा के 15 लाख छात्रों को शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए जिलेवार कार्ययोजना बनायी गयी है। इसमें राज्य और जिलों का शैक्षिक प्रोफाइल बना कर इसे लागू किया जायेगा।

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