Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2018 12:58 PM
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखता है।
नई दिल्लीः साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की उम्र के बीच के 5.50 करोड़ संभावित कामगार थे। ठीक उसी समय विश्व भर में साल 2020 तक 5.70 करोड़ कामगारों की कमी होने का अनुमान लगाया गया। ऐसे समय में भारत के लिए अपनी अतिरिक्त जनसंख्या को जनसांख्यिक लाभांश के रूप में परिणत करने का एक ऐतिहासिक अवसर मिला। जहां सरकार ने गरीब परिवारों के कौशल विकास और उत्पादक क्षमता विकास बल पर ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना’ को लागू की। यह योजना (डीडीयू-जीकेवाई) गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों में से एक है। ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना’ एक ऐसी योजना जिसका मकसद बेरोज़गारों को नए अवसर प्रदान करना है इसकी शुरुआत 25 सिंतबर 2014 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी औरवेंकैया नायडू के अधीन की गई थी। इस योजना के तहत 250 से अधिक ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है जहां ग्रामीण या फिर निर्धन वर्ग के लोग बिना पैसो के शिक्षा/प्रशिक्षित होकर अच्छा रोज़गार प्राप्त कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए http://www.ddugky.gov.in/ पर देखा जा सकता है।
ये हैं विशेषताएं
1.गरीबों के बीच आर्थिक अवसरों के लिए एक मजबूत मांग है साथ ही उनके कार्य क्षमताओं को विकसित करने के संबंध में अपार अवसर हैं।
2.भारत के जनसांख्यिकीय अधिशेष को एक लाभांश में विकसित करने के लिए सामाजिक एकजुटता के साथ हीं मजबूत संस्थानों के एक नेटवर्क का होना आवश्यक है।
3.भारतीय और वैश्विक नियोक्ता के लिए ग्रामीण गरीबों को वांछनीय बनाने के लिए स्किलिंग के वितरण हेतु गुणवत्ता और मानक सर्वोपरि हैं।
4.गरीबी कम करने के लिए परिवारों को नियमित रूप से मजदूरी के माध्यम से लाभकारी और स्थायी रोजगार का उपयोग करने के लिए गरीबों को सक्षम बनाना।
5.ग्रामीणों को बिना किसी जातिवाद के भेदभाव के कौसल विकाश का प्रशिक्षण देना तथा उनको काबिल बनना।
6.दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना के तहत इंसुलिव प्रोग्राम को डिज़ाइन करना।
7.दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना के तहत कम से कम 75 प्रतिशत शिक्षित लोगो कोप रोजगार की ग्यारंटी देना है।