Edited By pooja,Updated: 27 Jun, 2018 09:59 AM
दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में मंगलवार को छात्रों ने फोरम टू सेव यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली (एफएसयूडी) तले धरना प्रदर्शन किया। धरना 11 बजे शुरू हुआ था
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में मंगलवार को छात्रों ने फोरम टू सेव यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली (एफएसयूडी) तले धरना प्रदर्शन किया। धरना 11 बजे शुरू हुआ था और छात्रों के दबाव के चलते, विभाग के अध्यक्ष 1 बजे विभाग में आए। छात्र व शिक्षक के बीच काफी लम्बे समय तक बातचीत चली जिसपर हेड इतिहास विभाग ने एम फिल का प्रश्न पत्र हिन्दी भाषा में भी देने पर अपनी सहमति जताई।
मगर 6 में से 3 प्रश्न, परीक्षा की नई प्रणाली पर उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने वीसी कार्यालय, डीन सोशल साइंस व ईसी सदस्य एके भागी से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। छात्रों का कहना है कि एमफिल व पीएचडी ऑर्डिनेंस नम्बर 6,6बी यह स्पष्ट करता है कि एमफिल व पीएचडी की सलेक्शन कमेटी में सदस्यों को रोटेशन पर रखा जाता है और अधिकतम संख्या 15 होती है साथ ही कमेटी में एससी,एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी, महिला ऑब्ज़र्वर होने चाहिए। मगर अधिकतर विभाग इन कमेटियों में न ही रोटेशन के नियम का पालन करते हैं और न ही अधिकतम संख्या 15 का और न ही वंचित वर्ग प्रतिनिधि का। एफएसयूडी के आशीष रंजन सिंह और अंशुमान सिंह का कहना है कि यह सभी मांगें हमारी पूरी होनी चाहिए।