Edited By Riya bawa,Updated: 02 Sep, 2020 05:23 PM
देशभर में एनटीए की ओर से ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन यानी जेईई मेन परीक्षा 1 सितंबर से शुरू हो चुकी हैं। इस परीक्षा में बहुत से छात्रों को परीक्षा केंद्र पहुंचने में समस्याओं का सामना...
नई दिल्ली- देशभर में एनटीए की ओर से ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन यानी जेईई मेन परीक्षा 1 सितंबर से शुरू हो चुकी हैं। इस परीक्षा में बहुत से छात्रों को परीक्षा केंद्र पहुंचने में समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन परिवार के हौसले व साथ से अपना सपना पूरा करने की राह पर निकल रहे है। एेसी मिसाल है नालंदा का किसान पिता जो अपनी बेटी को 300 किलोमीटर का सफर तय करवा कर परीक्षा केंद्र तक पहुंचा।
नहीं थी कोई बस सेवा
सुत्रों के मुताबिक धनंजय कुमार बिहार के नालंदा जिले में रहते हैं। धनंजय की बेटी ने जेईई मेन की परीक्षा में हिस्सा लिया था, लेकिन एग्जाम सेंटर रांची के तुपुडाना में था।
एेेसे में एग्जाम सेंटर दूर होने की वजह और कोरोना वायरस जैसे हालात होने की वजह कोई बस सेवा भी नहीं थी। इसके बाद भी धनंजय ने तय किया कि वो बेटी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर एग्जाम दिलाने ले जाएगा।
जानें कैसे पहुंचे एग्जाम सेंटर
-धनंजय ने सोमवार सुबह -सुबह अपनी बेटी को मोटरसाइकिल पर बैठाया और आठ घंटे के सफर के बाद बोकारो पहुंचे और उसके बाद उन्होंने बोकारो से 135 मिलोमीटर का सफर तय कर सोमवार दोपहर तक रांची पहुंचने में सफलता हासिल की।
-नालंदा से रांची तक के इस पूरे सफर में उन्होंने 12 घंटे में 300 किलोमीटर तक की दूरी तय की। इस बारे में धनंजय ने कहा, नालंदा से रांची लंबी दूरी थी और कोई बस भी नहीं चल रही थी। इसलिए मोटरसाइकिल पर जाना ही एकमात्र तरीका था। गौरतलब है कि इस बार झारखंड में जेईई मेन के दस परीक्षा केंद्रों में कुल 22 हजार 843 कैंडीडेट्स ने एग्जाम दिया।