महाराष्ट्र की पाठ्यपुस्तकों में गुजराती, मंत्री ने टिप्पणी के लिए माफी मांगी

Edited By Sonia Goswami,Updated: 17 Jul, 2018 08:40 AM

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महाराष्ट्र के मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने आज राज्य विधान परिषद में विपक्ष के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगी। विपक्ष ने राज्य की कक्षा छह की पाठ्यपुस्तक के छह पृष्ठ गुजराती में छपे होने का मुद्दा शुक्रवार को उठाया था।

नागपुरः महाराष्ट्र के मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने आज राज्य विधान परिषद में विपक्ष के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगी। विपक्ष ने राज्य की कक्षा छह की पाठ्यपुस्तक के छह पृष्ठ गुजराती में छपे होने का मुद्दा शुक्रवार को उठाया था। 

राकांपा विधान परिषद सदस्य सुनील तटकरे ने परिषद में इस मुद्दे को शुक्रवार को उठाया था। पाटिल ने दावा किया था कि यह जिल्दसाजी की गड़बड़ी का नतीजा हो सकता है अथवा इस बात की भी संभावना है कि किसी ने कुछ पुस्तकों में किसी मकसद से कुछ पन्नों को लगा दिया हो। विपक्ष के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेते हुए तटकरे ने कहा कि यदि आप यह साबित कर दें कि मैंने इसे मुद्रित किया है तो मैं यहीं विष पी लूंगा और आत्महत्या कर लूंगा। परिषद में आज महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि कक्षा छह की मराठी भाषा में भूगोल की करीब 11.50 लाख प्रतियां छपती हैं। इसमें से करीब एक लाख प्रतियां गुजरात के अहमदाबाद स्थित फर्म श्लोक प्रिंट सिटी में छपी। तावड़े ने कहा कि हो सकता है कि भूलवश गुजराती के पन्ने मुद्रित हो गये हों तथा अहमदाबाद स्थित इस फर्म से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एवं सदन के नेता चन्द्रकांत पाटिल ने सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर माफी मांग ली।   

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