यहां बिना Principal के चल रहे ये कॉलेज, जाने क्यों

Edited By ,Updated: 22 Apr, 2017 11:05 AM

here are the colleges running without the principal

दिल्ली विश्वविद्यालय में करीब 2 दर्जन कॉलेज बिना प्रिंसिपल के चल रहे हैं। जिनमें से 7 कॉलेजों ने प्रिंसिपल के पद भरने के लिए ...

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में करीब 2 दर्जन कॉलेज बिना प्रिंसिपल के चल रहे हैं। जिनमें से 7 कॉलेजों ने प्रिंसिपल के पद भरने के लिए विज्ञापन जारी किए हैं। इन कॉलेजों पर आरोप लग रहा है कि 7 कॉलेजों में से किसी ने एक भी पद आरक्षित वर्ग को नहीं दिया है। ऐसे में डीयू की अकादमिक काउंसिल के सदस्यों ने इस संबंध में एससी-एसटी की संसदीय समिति को एक पत्र लिखा है। काउंसिल के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया कि जिन कॉलेजों के विज्ञापन निकाले गए हैं, उनमें स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स, गार्गी कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, रामलाल आनंद कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज के अलावा जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज हैं।

प्रो. सुमन का कहना है कि यदि दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिंसिपल के पदों पर आरक्षण देती है, तो भारत सरकार की आरक्षण नीति और डीओपीटी के निर्देशानुसार डीयू में पहले 80 कॉलेजों के हिसाब से एससी 12 पद, एसटी 06 पद, ओबीसी 22 व दिव्यांगों के 3 पद प्रिंसिपल के बनते हैं, लेकिन यूजीसी ने अभी केवल एससी-एसटी को ही आरक्षण दिया है। उन्होंने बताया कि बीते साल संसदीय समिति ने संसद में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल के पदों में आरक्षण न देने पर असंतुष्ट है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रिंसिपल के पदों में भी आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि जल्द ही एससी-एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम संसदीय समिति के चेयरमैन से मिलेगा और तुरंत हस्तक्षेप कर इन पदों को बिना आरक्षण दिए न भरने के लिए कहेगा।

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