Edited By Sonia Goswami,Updated: 11 Sep, 2018 02:11 PM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एनएमसीएमई (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति) ने देश में गैर पंजीकृत मदरसों की जानकारी हासिल करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तरीय मदरसा बोर्ड स्थापित करने की आवश्यकता जाहिर की है ताकि प्रमाणीकरण के लिए एक उपयुक्त...
नई दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एनएमसीएमई (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति) ने देश में गैर पंजीकृत मदरसों की जानकारी हासिल करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तरीय मदरसा बोर्ड स्थापित करने की आवश्यकता जाहिर की है ताकि प्रमाणीकरण के लिए एक उपयुक्त प्रणाली हो, जिससे की मदरसों में शिक्षा स्तर को बनाए रखा जा सके।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति (एनसीएमई) की हाल ही में हई बैठक में पैनल के सदस्य अफजर शम्सी ने गैर पंजीकृत मदरसों का डाटा एकीकृत करने का सुझाव दिया। शम्सी ने कहा, ‘‘दो तरह के मदरसे हैं एक जो ‘‘पंजीकृत’’ हैं, जो कि केवल 20 प्रतिशत हैं और दूसरे ‘ गैर पंजीकृत ’ हैं जो करीब 80 प्रतिशत हैं। सरकार के पास जो भी आकंड़े मौजूद हैं वह पंजीकृत मदरसों पर आधारित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गैर पंजीकृत मदरसों की जानकारी हासिल करने और उन्हें पंजीकरण के दायरे में लाने की आवश्यकता है ताकि उनकी एक स्पष्ट तस्वीर उपलब्ध हो पाए।’’ अन्य एक सदस्य जमशीद खान ने कहा, ‘‘कई राज्यों में मदरसा बोर्ड निष्क्रिय हैं। कुछ राज्यों में यह बोर्ड हैं जबकि महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में मदरसा बोर्ड ही नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सुझाव दिया जाता है कि अखिल भारतीय स्तर का मदरसा बोर्ड होना चाहिए , जिसमें मान्यता देने के लिए उपयुक्त मापदंड हों ताकि शैक्षिक मानकों को सुनिश्चित किया जा सके।’’