Edited By Riya bawa,Updated: 23 Nov, 2019 10:22 AM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति छात्र प्रतिनिधियों...
नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति छात्र प्रतिनिधियों से फीस वृद्धि के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंची। समिति के सदस्य एक दूसरे दरवाजे से विश्वविद्यालय के अंदर गए क्योंकि एक दरवाजे पर छात्र मानव श्रृंखला बनाकर खड़े थे। समिति के दौरे से पहले फीस में वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने मानव श्रृंखला बनाई थी। यहां समिति ने छात्र प्रतिनिधियों से लगभग दो घंटे वार्ता की। समिति द्वारा सोमवार को रिपोर्ट सौपें जाने की संभावना है।
मंत्रालय ने सोमवार को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। इसका काम जेएनयू में हालात सामान्य करने और पिछले 3 सप्ताह से फीस वृद्धि को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों की समस्या का समाधान निकालना है। छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन. साई बालाजी ने कहा, छात्र यहां उच्चाधिकार प्राप्त समिति का स्वागत करने के लिए खड़े हैं। छात्र उन्हें फीस बढऩे के कारण हो रही सारी दिक्कतों के बारे में बताना चाहते हैं।
मंत्रालय ने सोमवार को 3 सदस्यीय समिति का गठन किया। इसका काम विश्वविद्यालय में हालात सामान्य करने और पिछले तीन सप्ताह से फीस वृद्धि को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों की समस्या का समाधान निकालना है। समिति के साथ जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों, छात्र काउंसलर और छात्रावास अध्यक्षों की बैठक बुधवार को मंत्रालय में हुई थी। समिति ने छात्र प्रतिनिधियों के साथ लगभग दो घंटे बातचीत की। समिति ने जेएनयू शिक्षक एसोसिएशन के सदस्यों और सभी संकायों के डीन से भी मुलाकात की है।
छात्रों का कहना है कि हम समिति से यह कहना चाहते है कि हम बिना पूरी फीस रोल बैक से कम नहीं मानने वाले है। इस दौरान प्रशसिनक खंड के बाहर सैकड़ों की संख्या में छात्र अपनी मांग के समर्थन में प्रशासन के खिलाफ स्लोगन लिखे शिक्षा का अधिकार मांगने नहीं किसी से भीख मांगते, सबको शिक्षा सबको काम, वरना होगी नींद हराम जैसे नारेबाजी लिखी तख्तियां को हाथों में लिए प्रदर्शन करते रहे। जेएनएसयू पूर्व अध्यक्ष एनसाई बालाजी ने कहा कि हम चाहते है कि समिति विद्यार्थियों से कुछ बोले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बालाजी ने कहा कि समिति को विद्याॢथयों के हक में बोलना चाहिए, वरना जेएनयू से गरीब बच्चों को बाहर ढकेला जाएगा, उनके अनुसार सोमवार को समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।