JNU यौन उत्पीड़न मामला: पीड़ित छात्राओं के समर्थन में आए 165 वैज्ञानिक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Mar, 2018 10:58 AM

jnu sexual harassment case

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने आए दिन धरना-प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों से अपील की है कि वह छात्रों को पढ़ाने में अधिक रुचि दिखाएं।

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने आए दिन धरना-प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों से अपील की है कि वह छात्रों को पढ़ाने में अधिक रुचि दिखाएं। प्रशासन का कहना है कि रोज-रोज धरना-प्रदर्शनों से जेएनयू का माहौल खराब हो रहा है। 

जेएनयू प्रशासन का कहना है कि जेएनयू शिक्षक एसोसिएशन और छात्रसंघ लगातार विरोध प्रदर्शन कर जेएनयू की शांति व्यवस्था को खराब कर रहे हैं। उनसे आग्रह है कि वह धरने-प्रदर्शनों को छोड़कर पठ्न-पाठ्न के कार्य में जुटे। 

प्रशासन का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर छात्रसंघ और जनूटा प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है जिससे यहां की अकादमिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। 

शिकायतकर्ताओं को 165 वैज्ञानिकों ने किया समर्थन 
जेएनयू में प्रो. अतुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के लगे आरोप का मामला थमता नहीं दिख रहा। प्रो. जौहरी के खिलाफ  छात्रों को अब 165 वैज्ञानिकों का भी समर्थन मिला है। छात्रसंघ उपाध्यक्ष सिमोन जोया ने कहा कि वैज्ञानिकों ने घटना को शर्मनाक बताया है।  जेएनयू शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल की आह्वान किया है। शिक्षक संघ का कहना है कि काम नहीं, वेतन नहीं के नारे के साथ ये हड़ताल करेंगे।

दो अन्य आरोपी प्रोफेसरों की मुश्किलें बढ़ीं 
प्रो. महेंद्र पी लामा और राजेश खरत को लेकर शिकायकर्ता ने अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को एक पत्र लिखा है। एबीवीपी ने भी इन प्रोफेसरों को संस्पेंड करने की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन किया।
 

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