मल्टीटास्किंग के दौर में खुद को इस तरह रखें दूसरों से आगे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Sep, 2017 05:08 PM

keep yourself in this kind of multitasking phase ahead of others

आज के बढ़ते मंहगाई और कंपीटिशन के दौर में युवा एक साथ...

नई दिल्ली : आज के बढ़ते मंहगाई और कंपीटिशन के दौर में युवा एक साथ कई सारी कंपनियों में काम करते है । अलग- अलग कपंनियों में काम करना मल्टीटास्किंग जॉब कहलाता है। कई कंपनियां अलग अलग कामों के लिए विशेषज्ञ तलाशती हैं ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाला दौर मल्टीटास्किंग जॉब का ही होगा। लोग इस तरह के  काम के जरिए खूब पैसा कमा रहे हैं। इसलिए अगर आप भी मल्टीटास्किंग के दौर में किस तरह खुद को दूसरों से आगे रख सकते है

समय का ध्यान रखना जरूरी
बदलते परिदृश्य में 10 से 5 की जॉब उतनी असरदार नहीं रही, जितनी कि पहले इसकी डिमांड थी। यह सही है कि दुनिया में हर किसी को 24 घंटे ही मिलते हैं। उसी में अपनी हर आवश्यकता और हर ख्वाहिश को पूरा करना पड़ता है। हालांकि दो पार्टटाइम जॉब एक साथ करने के लिए समय को व्यवस्थित करना आवश्यक हो जाता है, लेकिन तभी उसमें आनंद आता है।  

अनुभव के साथ पैसा भी 
करियर काउंसलर कहते हैं कि दो अलग-अलग पार्टटाइम जॉब करने का एक फायदा यह भी है कि इसमें आप दो तरह के अनुभव हासिल करते हैं, जिससे आत्मज्ञान और आत्मकौशल में निखार आता है। आगे चल कर इन्हीं में से कोई एक आपका फुलटाइम प्रोफेशन भी बन सकता है। 

समझ जाएं समय की मांग
यदि किसी समय यह प्रतीत होने लगे कि फलां काम आपकी इच्छा के अनुरूप नहीं चल रहा है तो बिना किसी हिचक के आप उसे छोड़ भी सकते हैं। जितने समय तक आप उसे कर रहे हैं, उतने समय तक आपको पारिश्रमिक मिलता रहेगा। यह एक तरह से समय की मांग है, जिसे पूरा किए बगैर आप प्रतिस्पर्धा में  टिक नहीं सकते। 

नया है ट्रेंड
विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि पार्टटाइम का कॉन्सेप्ट काफी पुराना है, परन्तु दो पार्टटाइम जॉब का ट्रेंड बिल्कुल नया आधार लेकर आया है। कुछ लोग 8-10 घंटे की जॉब में ही खुद को फिट मानते हैं। इससे परे कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें यदि मनमाफिक काम मिले तो वे 12-14 घंटे काम करने में भी नहीं हिचकते और थकते। इन मेहनतपसंद लोगों के लिए ‘दो पार्टटाइम जॉब एक साथ’ का कांसेप्ट अधिक फायदा पहुंचा सकता है। पर यह दोहरी जिम्मेदारी है,  जिसके लिए खुद को पहले तैयार करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह कार्य इतना आसान भी नहीं होता। 

बनाएं बेहतर तालमेल 
यह एक प्रायोगिक विधा है, फिर भी इसे असंभव नहीं माना जा सकता। इस तरह के कॉन्सेप्ट में सबसे अहम चीज टाइम मैनेजमेंट होती है, क्योंकि आपको तीन परिस्थितियों (दो पार्टटाइम जॉब व घर-परिवार) का सामना करना पड़ता है तथा उसमें बेहतर तालमेल भी बिठाना पड़ता है। कई बार इसमें पारिवारिक जीवन भी गड़बड़ा जाता है। 

तनाव को दूर रखें
घर पर रह कर काम करना आसान होता है, परन्तु जहां तक ऑफिस का सवाल है तो हर ऑफिस की अपनी मांग होती है कि आपको सुबह आना है या शाम को। ऊपर से यात्रा संबंधी दिक्कतें भी सामने आती हैं। कई मर्तबा एक या दो घंटे का सफर भी भारी पड़ सकता है। यदि आपने सही तरीके से टाइम मैनेजमेंट नहीं किया है तो इससे तनाव भी पैदा हो सकता है। तकनीकी क्षेत्रों में यह ट्रेंड अधिक सफल साबित होता है।
 

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