Edited By Sonia Goswami,Updated: 31 Oct, 2018 01:49 PM
सरदार वल्लभ भाई पटेल आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था।
नई दिल्ली: सरदार वल्लभ भाई पटेल आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। हर साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती मनाई जाती है। पटेल जयंती के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया।
आपको बता दें कि 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। देश की आजादी में वल्लभ भाई पटेल का बेहद खास योगदान है लेकिन क्या आप जानते हैं कि वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली। साल 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया। यह प्रमुख किसान आंदोलन था। उस समय प्रांतीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी। सरकार ने लगान में 30 फीसदी वृद्धि कर दी थी जिसके चलते किसान बेहद परेशान थे। वल्लभ भाई पटेल (Sardar Patel) ने सरकार की मनमानी का कड़ा विरोध किया।
सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश में कई कठोर कदम उठाए लेकिन अंत में विवश होकर सरकार को पटेल के आगे झुकना पड़ा और किसानों की मांगे पूरी करनी पड़ी। दो अधिकारियों की जांच के बाद लगान 30 फीसदी से 6 फीसदी कर दिया गया। बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी।
सरदार पटेल ने किया था 562 देशी रियासतों का एकीकरण
देश आजादी से पहले अलग-अलग रियासतों में बटा हुआ था। लौहपुरुष सरदार पटेल ने 562 रियासतों का भारत में विलय करवाया था। भारत का जो नक्शा ब्रिटिश शासन में खींचा गया था, उसकी 40 प्रतिशत भूमि इन देशी रियासतों के पास थी। आजादी के बाद इन रियासतों को भारत या पाकिस्तान में विलय या फिर स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था। सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता, चतुराई और डिप्लोमेसी की बदौलत इन रियासतों का भारत में विलय करवाया था।