विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध की जरूरत-आनंदीबेन

Edited By pooja,Updated: 07 Jan, 2019 01:41 PM

need for study teaching and research in the field of science  anandben

मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि प्राचीन भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी दुनिया में सबसे आगे था। जीरो से लेकर नौ तक की गिनती की खोज भारत में हुई,

भोपाल:  मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि प्राचीन भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी दुनिया में सबसे आगे था। जीरो से लेकर नौ तक की गिनती की खोज भारत में हुई, लेकिन उस समय पेटेंट नही था। पटेल ने यह बात आज यहां एक स्कूल में राज्य स्तरीय विद्यार्थी विज्ञान मंथन शिविर में कहीं। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। प्राचीन भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी दुनिया में सबसे आगे था। मगर हमने पेटेंट नहीं कराया क्योंकि उस समय पेटेंट नहीं होता था। जीरो से लेकर नौ तक की गिनती की खोज भारत में हुई, जिसका कोई पेटेंट नहीं है।  

उन्होंने कहा कि भारतीय उप महाद्वीप में प्राचीन काल में पुष्पक विमान हुआ करते थे, जिसका परिष्कृत रूप आधुनिक युग का हेलीकॉप्टर है। महाभारत के संजय की दिव्य-दृष्टि भी दुनिया में अद्वितीय थी। भारत का इतिहास पाँच हजार साल पुराना है। इसकी सभ्यता, संस्कृति और विज्ञान खोज भी पांच हजार साल से चली आ रही है।  उन्होंने कहा कि महाभारत में अभिमन्यु की कथा यह बताती है कि बच्चा गर्भ से ही सीखाना शुरू कर देता है। आधुनिक युग में गर्भवती माताओं को ऐसे काम करना चाहिये, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को अच्छे संस्कार मिले। गर्भ में पल रहे बच्चे को पौष्टिक आहार, योगा, ध्यान, गीत-संगीत और विज्ञान की शिक्षा परोक्ष रूप से मिलती रहे।

 गर्भवती माता को अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को अच्छा संस्कार देने के लिये स्वाध्याय करना जरूरी है। श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों ने खोज की है कि पेड़-पौधों में भी जीव होते हैं। मनुष्य के शरीर के रक्त-संचार की भाँति पौधों में भी नियमित रस-संचार होता रहता है। शांति, सुकून और गीत- संगीत का उन पर भी सकारात्मक असर होता है।विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा जरूरीराज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि विद्याथियों को खेल-खेल में शिक्षा देना जरूरी है। उन पर दबाव और तनाव नहीं होना चाहिए।  उन्होंने कहा कि हमारे देश मे चिकित्सकों की बहुत कमी है, जिस कमी को पूरा करने के लिए विद्याथियों को मेडिकल शिक्षा दी जाए। अच्छे डॉक्टर और वैज्ञानिक बनने के लिये विद्यार्थियों को विज्ञान की शिक्षा देना जरूरी है।  डॉ. एस.पी. सिंह ने कहा कि विज्ञान भारती संस्थान के देश में एक लाख 40 हजार सदस्य हैं। इसकी स्थापना 1981 में बैंगलुरु में की गई। संस्थान का उदे्दश्य विज्ञान को बढ़ावा देना है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!