Edited By pooja,Updated: 17 May, 2018 03:43 PM
गांव का सरकारी स्कूल पूरी तरह मॉडर्न हो गया है। यह स्कूल किसी शहर में नहीं बल्कि सुल्तानपुर जिले से 20 किमी दूर स्थित है। जिले के भदैया ब्लॉक के नारायणपुर गांव के स्कूल की तस्वीर बदल चुकी है।
सुल्तानपुर: गांव का सरकारी स्कूल पूरी तरह मॉडर्न हो गया है। यह स्कूल किसी शहर में नहीं बल्कि सुल्तानपुर जिले से 20 किमी दूर स्थित है। जिले के भदैया ब्लॉक के नारायणपुर गांव के स्कूल की तस्वीर बदल चुकी है।
इस स्कूल में मेट्रो सिटी के प्ले और प्राइमरी स्कूलों जैसे मॉडर्न फीचर्स हैं। इस सरकारी स्कूल को प्रिंसीपल राम सुमेर अपनी सैलरी से मॉडर्न बना रहे हैं। राम सुमेर बताते हैं, 'बच्चे किसी भी देश की नींव होते हैं। उन्हें बेहतर एन्वायरन्मेंट देने के लिए हमने स्कूल को पूरी तरह से बदल दिया है। हमने स्कूल को एक्सप्रेस ट्रेन के फॉर्म में पेंट करवाया है, जिसमें हर क्लास एक डिब्बा है। इससे बच्चों का स्कूल और पढ़ाई में इंटरेस्ट बना रहता है। स्कूल का नाम भी मॉडर्न रखा है- जूनियर हाई नारायणपुर एक्सप्रेस ट्रेन।
डिजिटल क्लास में पढ़ते हैं बच्चे
यहां के प्रिंसीपल राम सुमेर ने अपनी सैलरी (50 हजार रु. महीना) से स्कूल को नया लुक दिया है। इस जूनियर स्कूल में डिजिटल क्लास, कंप्यूटर रूम और साइंस लैब जैसी सुविधाओं के अतिरिक्त देश के पॉलिटिक्स से जुड़ी खबरों से भी अपडेट करवाया जाता है।
यही नहीं, एक्स्ट्रा कर्रिकुलर एक्टिविटीज के तहत बच्चों के लिए सिलाई-कढ़ाई और मेहंदी क्लासेज़ भी लगती हैं। यहां स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में टेबल टेनिस, वॉलीवाल और बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं, जहां बच्चे इन सभी खेलों को एन्जॉय करते हैं। इन सब फैसिलिटीज़ में न तो सरकार से कोई मदद ली गई है, न किसी तरह का फंड इकट्ठा किया गया है। सारा खर्च स्कूल के प्रिंसीपल और टीचर अपनी सैलरी से वहन करते हैं।