Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Mar, 2018 02:16 PM
अधिकतर राज्य में ज्यादातर निजी स्कूल पैरेंट्स से 3 से 6 महीने तक की फीस एडवांस में ले रहे हैं। यह धनराशि इतनी होती है कि आधी से भी कम में स्टाफ की चार-पांच महीने की तनख्वाह निकल जाए।
नई दिल्ली: अधिकतर राज्य में ज्यादातर निजी स्कूल पैरेंट्स से 3 से 6 महीने तक की फीस एडवांस में ले रहे हैं। यह धनराशि इतनी होती है कि आधी से भी कम में स्टाफ की चार-पांच महीने की तनख्वाह निकल जाए।
अगर फीस चुकाने में पैरेंट्स को एक भी दिन की देरी हो जाए तो नोटिस थमाकर जुर्माना वसूल लिया जाता है। ज्यादातर स्कूल अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं कि फीस तिमाही या छमाही ही जमा कराई जाए। कोई अभिभावक 6 महीने की फीस एकसाथ देने में समर्थ न हो तो भी उसकी सुनवाई नहीं होती। उलटे जवाब मिलता है कि फीस जमा कराएं, अन्यथा स्टूडेंट को ले जाएं।
हाल ये है कि नर्सरी कक्षा की 6 माह की फीस 41 हजार रुपए तक, जबकि एक महीने की फीस केवल 6830 रुपए। दूसरी कक्षा की 3 महीने की फीस 15 हजार से 35 हजार रुपए तक, मगर एक महीने की फीस केवल 5834 रुपए। नौवीं व दसवीं कक्षा की 6 महीने की फीस ली जा रही है 70-80 हजार रु।
स्कूलों ने बनाए मनमाने नियम कुछ वर्ष पहले एकसाथ फीस जमा कराने पर छूट का विकल्प दिया जाता था। अब स्कूलों ने तीन व छह महीने की फीस एकसाथ लेने का मनमाना नियम बना लिया है।