Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 Jan, 2019 02:17 PM
70वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। प्रत्येक वर्ष की तरह फुल ड्रेस रिहर्सल भी हो चुकी है।
नई दिल्लीः 70वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। प्रत्येक वर्ष की तरह फुल ड्रेस रिहर्सल भी हो चुकी है। गणतंत्र के इस राष्ट्रीय महापर्व को लेकर राजपथ के जर्रे-जर्रे को सजाया जा रहा है। गणतंत्र का इतिहास जितना पुराना और रोचक है, उतना ही रोचक सफर है इसकी परेड के आयोजन का। भारत के इस शौर्य और पराक्रम के पल का साक्षी बनने के लिए प्रत्येक वर्ष राजपथ से लेकर लाल किले तक लाखों लोगों की भीड़ जुटती है। पूरे रास्ते लोग तालियों और देशभक्ति के नारों से परेड में शामिल जाबांजों की हौसलाअफजाई करते हैं।
परेड से जुड़े रोचक तथ्य
-केंद्र सरकार द्वारा इस मौके पर प्रत्येक वर्ष भारत समेत कई राष्ट्रों से अतिथियों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाता है। खास बात ये है कि भीषण ठंड के बावजूद लोग सुबह चार-पांच बजे से ही परेड देखने के लिए पहुंचने लगते हैं।
- वर्ष 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी भारत के गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी बन चुके हैं। बराक ओबामा अमेरिकन राष्ट्रपति के इतिहास में पहली बार इतने लंबे समय के लिए राजपथ पर खुले आसमान के नीचे होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
-26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस परेड की शुरूआत 1950 में आजाद भारत का संविधान लागू होने के साथ हुई थी। वर्ष 1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर न होकर, चार अलग-अलग जगहों पर हुई थीं।
- 1955 से गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन राजपथ पर शुरू किया गया। तब राजपथ को ‘किंग्सवे’ के नाम से जाना जाता था। तभी से राजपथ ही इस आयोजन की स्थाई जगह बन चुका है।
-26 जनवरी 1955 में राजपथ पर आयोजित पहले गणतंत्र दिवस समारोह में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद विशेष अतिथि बने थे।
- राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। 21 तोपों की ये सलामी राष्ट्रगान की शुरूआत से शुरू होती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है।
- 26 जनवरी की परेड में शामिल होने से पहले सभी दल तकरीबन 600 घंटे तक अभ्यास कर चुके होते हैं। परेड में शामिल सभी दल करीब सात माह पहले, जुलाई से ही तैयारी में जुट जाते हैं।
- इस बार की परेड में कुल 22 झांकियां शामिल हो रही हैं। इनमें से 16 झांकियां राज्यों की और 6 झांकियां विभिन्न मंत्रालयों व विभागों की होगी। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान इत्यादि राज्यों की झांकी अबकी बार परेड में नहीं होगी। खास बात यह कि इस साल सभी झांकियों की थीम एक ही रहेगी- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती।