Edited By pooja,Updated: 27 Nov, 2018 10:47 AM
गुरुग्राम सैमसंग इंडिया ने स्कूली छात्रों की सीखने की क्षमता बढ़ाने और उनके तनाव के स्तर को कम करने के उपायों पर नवोदय विद्यालय समिति और यूनेस्को एमजीआईईपी
नई दिल्ली: गुरुग्राम सैमसंग इंडिया ने स्कूली छात्रों की सीखने की क्षमता बढ़ाने और उनके तनाव के स्तर को कम करने के उपायों पर नवोदय विद्यालय समिति और यूनेस्को एमजीआईईपी के साथ मिलकर एक शोध अध्ययन ‘माई ड्रीम प्रोजेक्ट’ शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी ने आज बताया कि इस शोध अध्ययन के दौरान पूरे दो साल देश भर के जवाहर नवोदय विद्यालयों में शोध किया जायेगा।
परियोजना आधारित तथा सोशियो-इमोशनल लर्निंग (एसईएल) किस तरह छात्रों की सीखने की क्षमता बढ़ाने में कारगर है, इसका पता लगाया जायेगा। यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फोर पीस एंड सस्टनेबल डेवलपमेंट के निदेशक डॉ. अनंत के. दुरियप्पा ने कहा कि शोध का लक्ष्य पढाई को मजेदार और तनावरहित बनाना और बच्चों को बौद्धिक तथा संवदेनशील बनाना है।
अध्ययन के लिये उन 64 जवाहर नवोदय विद्यालयों का चयन किया गया है, जहां पहले से ही सैमसंग के स्मार्ट क्लासेज हैं। दो साल के अध्ययन के बाद रिपोर्ट और सिफारिशें मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंप दी जायेंगी। उल्लेखनीय है कि सैमसंग और जवाहर नवोदय विद्यालय समिति ने वर्ष 2013 में सैमसंग स्मार्ट क्लासेज की पहल की थी। फिलहाल देश के 652 जवाहर नवोदय विद्यालयों, तमिलनाडु के 28 सरकारी स्कूलों और तीन दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूलों में सैमसंग स्मार्ट क्लासेज चल रही हैं। प्रत्येक सैमसंग स्मार्ट क्लास में प्रति छात्र एक सैमसंग टैबलेट, इंटरैक्टिव स्मार्टबोर्ड, प्रिंटर और अन्य उपकरण मुहैया कराये जाते हैं।