Edited By pooja,Updated: 05 Feb, 2019 01:18 PM
मध्यप्रदेश के रायसेन जिले स्थित सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में ‘‘शिक्षा और विचार में स्वावलंबन’’ विषय पर आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर वीके त्रिपाठी का
रायसेन: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले स्थित सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में ‘‘शिक्षा और विचार में स्वावलंबन’’ विषय पर आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर वीके त्रिपाठी का व्याख्यान हुआ।
फिकाक्सि विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर श्री त्रिपाठी ने कहा कि पिछले 300 सालों में धरती को सबसे ज्यादा नुकसान विज्ञान ने ही पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने भले ही नए आयाम पैदा किए, उत्पादन बढ़ाया, स्वास्थ्य और संचार बढ़ाया लेकिन विज्ञान की तकनीकों के कारण दो वल्र्ड वॉर और बाद में कई देशों में लाखों लोग मारे गए । एडम जोन्स की किताब ‘जिनोसाइड’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अंग्रेजों के शासन से पहले अकाल नहीं पड़ता था क्योंकि किसान, मकादूर के पास हुनर था। अंग्रेकाों ने आकर देश के लोगों को वैज्ञानिक तकनीक सिखाने के नाम पर बेरोकागार बना दिया। प्रो त्रिपाठी पूरे देश में सछ्वावना मिशन चलाते हैं और लोगों के बीच गांधीवादी विचारों को बढ़ाने का प्रयास करते हैं।