शिक्षा के क्षेत्र में भेदभाव की बात सीतारमण ने नकारी

Edited By pooja,Updated: 26 Oct, 2018 11:38 AM

sitharaman talked about discrimination in education sector

भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कथित भेदभाव के दुष्प्रचार को सिरे से नकारते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि देश में शिक्षा के द्वार हर वर्ग के बच्चों के लिये खुले हैं।

इंदौर भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कथित भेदभाव के दुष्प्रचार को सिरे से नकारते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में शिक्षा के द्वार हर वर्ग के बच्चों के लिए खुले हैं।      

सीतारमण ने एक गैर-सरकारी संगठन के कार्यक्रम में कहा, सबको शिक्षा देना हमारे डीएनए में है। हमारे देश में शिक्षा प्रदान करने के मामले में किसी वर्ग के बच्चे के साथ कभी भेदभाव नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि भले ही कहीं यह दुष्प्रचार किया जाता हो या इस बारे में झूठा अभियान चलाया जाता हो कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में लोगों से कथित तौर पर भेदभाव किया जाता है। लेकिन सचाई यह है कि देश में हर वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था सदियों से है।      


रक्षा मंत्री ने कहा, 'हमारे यहां तो उस बच्चे को भी शिक्षा देने से कभी इंकार नहीं किया जाता, जिसकी मां किसी वजह से उसके पिता का नाम बताना नहीं चाहती। अपने बच्चे को अकेले पालने-पोसने वाली महिला भी अपनी संतान को पूरे आत्मसम्मान के साथ शिक्षा दिला सकती है।'      

 

उन्होंने कहा, 'मैं इस वक्त एक मकसद से आपके सामने यह बात रख रही हूं, जब यह गलतबयानी की जा रही है कि देश में हर बात महिलाओं के खिलाफ है। सीतारमण ने यौन उत्पीडऩ के खिलाफ महिलाओं के जारी मी टू अभियान की ओर अप्रत्यक्ष इशारा करते हुए कहा कि उन्हें इस रुझान से बिल्कुल भी आपत्ति नहीं है कि मौजूदा समय में महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर खुलकर बात कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सर्व शिक्षा अभियान जैसे सरकारी कार्यक्रम जारी होने के बावजूद खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये अब भी काफी कुछ किये जाने की जरूरत है।'      

 

सीतारमण ने सुझाया कि स्कूली पाठ्यक्रमों में उचित विषयवस्तु को शामिल किया जाना चाहिये ताकि बच्चों में साक्षरता के साथ आशा और आत्मविश्वास का भी संचार हो सके। रक्षा मंत्री, गैर सरकारी संगठन एकल संस्थान की युवा इकाई एकल युवा की इंदौर शाखा की औपचारिक शुरूआत के समारोह में हिस्सा लेने इंदौर आयी थीं। यह संगठन खासकर दूरदराज के ग्रामीण और जनजातीय इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में काम करता है। 

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