सोशल मीडिया प्रोफाइल डाल सकती है आपके करियर पर असर

Edited By Sonia Goswami,Updated: 24 Dec, 2018 12:12 PM

social media profiles can affect your career

किसी यूनिविर्सिटी या कॉलेज का सक्सेस रेट अब कैंपस प्लेसमेंट से ही तय होता है। अगर कैंपस प्लेसमेंट में बेहतर कंपनियां आती हैं या प्लेसमेंट में अच्छे पैकेजेस पर जॉब मिलते हैं, तो वहां का सक्सेस रेट ज्यादा बेहतर माना जाता है। यही कारण है कि एडमिशन से...

नई दिल्लीः किसी यूनिविर्सिटी या कॉलेज का सक्सेस रेट अब कैंपस प्लेसमेंट से ही तय होता है। अगर कैंपस प्लेसमेंट में बेहतर कंपनियां आती हैं या प्लेसमेंट में अच्छे पैकेजेस पर जॉब मिलते हैं, तो वहां का सक्सेस रेट ज्यादा बेहतर माना जाता है। यही कारण है कि एडमिशन से पहले कैंपस प्लेसमेंट का रिव्यू भी चेक किया जाता है।

 
कैंपस प्लेसमेंट में कंपनियों के सामने खुद को बेहतर प्रेजेंट करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। आपके पढ़ाई में आए बेहतर नंबर से ज्यादा जरूरी होता है आपका प्रेजेंटेशन और इंटरव्यू में आपका कांफिडेंस। अपनी कमियों को जान कर उसे सही करने का मौका निकालना होगा, ताकि जब कैंपस प्लेसमेंट हो तो आप खुद को कंपनियों के हिसाब से पेश कर सकें। इसके लिए कुछ जरूरी टिप्स पर फोकस जरूर करें।

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इंग्लिश पर फोकस
कैंपस हायरिंग का सबसे पहला गुरु मंत्र ये है कि आपकी इंग्लिश बेहतर होनी चाहिए। इसलिए इस पर फोकस जरूर करें। केवल पढ़ने या लिखने में ही नहीं बल्कि आपकी फ्लूएंसी बेहतर होना जरूरी है। बेहतर राइटिंग और स्पीच  के लिए कैंपस गतिविधियों का इस्तेमाल कीजिए। टेक्नॉलजी के साथ सहज बनें और सीखने और प्रयोग करने के लिए इच्छाशक्ति दिखाएं।

 

लोकेशन सही चुनें

रिमोट वर्क को छोड़कर कंपनियां हायपर-लोकल कैंडिडेट्स को पसंद करती हैं। नए प्रोजेक्ट्स के लिए तेजी से हायरिंग करने के लिए हायपर-लोकल हायरिंग एकमात्र तरीका है। अगर आप नजदीक रहते हैं, आपका इंटरव्यू  क्रैक करना आसान होगा।  तो इससे हायरिंग का समय और रिलोकेशन का खर्च घटेगा। अगर ऑफिस जाने में आपको कम समय लगता है तो आपके अपनी जॉब से खुश रहने की संभावना अधिक होगी। अपने शहर का समझदारी से चयन करें।

 

नए स्किल सीखें
आपकी स्किल्स को लेकर कंपनियों के ऑफर में तेजी से बदलाव दिखता है। हर इंडस्ट्री ऑटोमेशन, डेटा की प्रचुरता और तेजी से बदलते प्रॉडक्ट्स जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। नई स्किल्स की जरूरत होगी और इसकी अहमियत बढ़ेगी, जबकि अन्य स्किल्स पुरानी पड़ जाएंगी। आपका एंप्लॉयर यह देखना चाहेगा कि आप किस तरह काम के नए तौर-तरीकों को अपनाते हैं और योगदान को बढ़ाने के लिए नई स्किल्स सीखते हैं।

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अपनी भूमिका बढ़ाएं
आज हर कंपनी चाहती है कि उसके इंप्लाइज वर्सेटाइल हो, यानी किसी एक फिल्ड में नहीं बल्कि कई फिल्ड मे दक्ष हो। इसलिए अपनी भूमिका को बढ़ाने का प्रयास करें। नई चीजों, नई जिम्मेदारियों को उठाने वाले बनें। अगर आपको अपनी जॉब सिक्योरिटी चाहिए तो आपको हमेशा कंपनी की जरूरत बन कर रहना होगा। क्योंकि कंपनी हर इंप्लाईज की जरूरत देखती है। जरूरत है तो आप कंपनी का हिस्सा होंगे अन्यथा नहीं।

 

क्लीन सोशल मीडिया
कंपनियां हायरिंग में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। जॉब ऑफर देने से पहले आपका कड़ा वेरिफिकेशन किया जा सकता है। इसके लिए सोशल मीडिया पर आपकी मौजूदगी को भी देखा जा सकता है। अपने नाम को गूगल पर सर्च कर यह देखें कि आपके बारे में क्या सार्वजनिक है। अपना लिंक्डइन प्रोफाइल बेहतर बनाएं। अपने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्रोफाइल से ऐसी चीजें हटाएं जो आपके खिलाफ जा सकती हैं। टेक्निकल और साइकोमेट्रिक टेस्टिंग के लिए तैयार रहें। आपके पुराने एंप्लॉयर और सहकर्मियों से भी आपके बारे में पूछा जा सकता है।

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