ड्रॉ में निकला नाम फिर भी नहीं मिला दाखिला,अभिभावक काट रहे स्कूलों के चक्कर

Edited By Riya bawa,Updated: 08 May, 2019 10:20 AM

the name that came out in the draw was not even got admission

शिक्षा निदेशालय ने जनवरी से लेकर मार्च तक नर्सरी...

नईदिल्ली: शिक्षा निदेशालय ने जनवरी से लेकर मार्च तक नर्सरी और नर्सरी से ऊपर की कक्षाओं में दाखिले के लिए आवेदन मांगे। कम्प्यूटराइज्ड ड्रॉ भी निकाला, लेकिन निदेशालय दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में असफल रहा। मीडिया सूत्रों को मिली शिकायतों के अनुसार दिल्ली के निजी व सरकारी स्कूलों में सैकड़ों अभिभावक जिनका ईडब्ल्यूएस ड्रॉ में नाम आया है दाखिले के लिए स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं।

ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के अभिभावक जब स्कूल जाते हैं तो सरकारी हो या प्राइवेट स्कूल कुछ न कुछ कमी निकाल कर या फिर 25-20 फीसद निर्धारित आरक्षण के अनुरूप स्कूल में दाखिले न होने का हवाला देकर अभिभावकों को वापस लौटा रहे हैं। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने 130 बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला क्यों नहीं दिया गया का दिल्ली सरकार से सवाल किया था। मामले पर आल इंडिया पैरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल कहते हैं कि शिक्षा निदेशालय को पहले स्कूलों में खाली सीटों का पूरा डाटा लेना चाहिए था। ताकि जब बच्चे का ड्रा में स्कूल अलॉट हो तो वहां बच्चे का दाखिला हो जाए। पहले कम्प्यूटराइज्ड प्रक्रिया नहीं थी तब इस तरह की परेशानी अभिभावकों को नहीं होती थी अब तो डिजिटल माध्यम में सब है फिर भी निदेशालय अभिभावकों को परेशान करने पर तुला है।

स्कूल की मान्यता रद्द हो गई
अभिभावक रंजन द्विवेदी ने बताया कि उनकी 4 साल 10 माह की बेटी का नाम ईडब्ल्यूएस कै टेगरी के ड्रॉ में बुधविहार फेस-2 के नवदुर्गा आदर्श विद्यालय में आया था। नर्सरी कक्षा में बच्ची पढऩे लगी। जब वह स्कूल में फाइनल नर्सरी टर्म रिजल्ट लेने गए तो स्कूल ने बच्चे को आगे से स्कूल में न भेजने के लिए कहा। प्रशासन ने कहा कि स्कूल की मान्यता रद्द हो गई है। जब हम रोहिणी सेक्टर-9 स्थित एजुकेशन दफ्तर गए तो शिक्षा अधिकारी राजपाल शेहरावत ने गलत व्यवहार करते हुए वहां से चले जाने को कहा।

नर्सरी में नहीं किया एडमिशन
अभिभावक कल्पना कहती हैं फरवरी में उनके बच्चे का ईडब्ल्यूएस में पहले ड्रॉ में सालवन पब्लिक स्कूल राजेंद्र नगर में नाम आया था लेकिन स्कूल ने कहा कि पहले वह जनरल के 3 बच्चों के एडमिशन लेगा उसके बाद एक ईडब्ल्यूएस का बच्चा दाखिल करेगा लेकिन 3 महीने बीत गए स्कूल ने बच्चे का केजी में दाखिला नहीं लिया। इससे अच्छा होता किसी प्राइवेट स्कूल में ही दाखिला ले लिया होता। दिल्ली सरकार ने जब दाखिला लेना नहीं था तो ड्रॉ में नाम क्यों निकाला।

8वीं में स्कूल ने दाखिले से किया मना
अभिभावक नरेश कुमार कहते हैं कि 7वीं में मेरी बेटी पास हो गई मैंने 8वीं कक्षा के लिए ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आवेदन किया था। 16 मार्च को आए कम्प्यूटराइज्ड ड्रॉ में मुझे कस्तूरी राम इंटरनेशनल स्कूल नरेला अलॉट किया गया। 16 मार्च से अब तक दसियों बार स्कूल गए लेकिन उन्होंने दाखिला नहीं लिया। 30 अप्रैल के बाद स्कूल ने ड्रॉ में नाम होने के बावजूद बेटी को 8वीं में दाखिला देने से इंकार कर दिया।

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