उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर UGC ला रहा है नई योजना

Edited By pooja,Updated: 21 Sep, 2018 09:56 AM

ugc launches new scheme for improvement in higher education

भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एक नई योजना लेकर आ रहा है। वैसे तो आयोग को विश्वविद्यालय प्रणाली

नई दिल्ली : भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एक नई योजना लेकर आ रहा है। वैसे तो आयोग को विश्वविद्यालय प्रणाली में समन्वय, निर्धारण और अध्यापन, परीक्षा एवं शोध के लिए उचित मानदंड बनाकर उन्हें बरकरार रखना जैसे कई उत्तरदायित्व मिले हुए हैं, जिनका निर्वहन यूजीसी सालों से करता आ रहा है।

 

एक अधिकारी के अनुसार यूूजीसी द्वारा तैयार की गई, इस योजना में इस बात का उल्लेख किया गया है कि कैसे 2022 तक इससे जुड़े लक्ष्य हासिल किए जाएंगे। योजना में शामिल बिंदुओं के अनुसार योजना स्नातक स्तर पर तस्वीर सुधारने का काम करेगी और साथ ही प्रयास किए जाएंगे कि कम से कम 50 प्रतिशत स्नातकों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जाए। 

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छात्रों को सार्थक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा ताकि छात्रों का समाज और उद्योग जगत से जुड़ाव सुनिश्चत किया जा सके। छात्रों में टीम भावना, संचार और नेतृत्व के गुणों, उद्यमिता के भाव और महत्वपूर्ण निर्णयन क्षमता का समावेश हो, इसके प्रयास किए जाएंगे। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि किसी भी समय शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 10 प्रतिशत से अधिक रिक्त न रहें। साथ ही शिक्षकों को उच्च शिक्षा के ताजा रुझानों से भी अवगत कराने के प्रयास किए जाएंगे। 

योजना में कहा गया है कि उच्च शिक्षा के प्रत्येक संस्थान को राष्ट्रीय आकलन एवं प्रमाणन परिषद(नैक) से वर्ष 2022 तक कम से कम 2.5 के स्कोर के साथ मान्यता हासिल करनी होगी। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यूजीसी ने कई पहलुओं को लेकर एक रणनीति भी बनाई है। मसलन अपनी इस मुहिम को सफल बनाने के लिए आयोग ने परिणाम आधारित शैक्षिक ढांचा (ओबीई) अपनाने का फैसला किया है। इसमें नियमित अंतराल पर पाठ्यक्रमों को दोहराया जाएगा। अध्यापन के लिए सूचना, संचार एवं तकनीक आधारित माध्यमों का सहारा लिया जाएगा। अधिकारी के अनुसार सभी नए शिक्षकों के लिए वार्षिक प्रशिक्षण का भी प्रस्ताव है। शिक्षा प्रशासकों के लिए नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों का भी मार्गदर्शन कर सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी संस्थान एनएएसी से वर्ष 2022 तक मान्यता प्राप्त कर सकता है। गुणवत्ता पर विचार करने के साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि भारतीय संस्थान दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बना सकें।

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