Edited By pooja,Updated: 04 Sep, 2018 05:35 PM
उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होने की बढ़ती घटनाओं से चिंतित राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होने की बढ़ती घटनाओं से चिंतित राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने आज कहा कि वह इन वारदात पर रोक लगाने के अन्य कदम उठाने के साथ-साथ इम्तेहान के पर्चों के कम से कम दो अलग-अलग सेट तैयार कराएगा। यूपीएसएसएससी के अध्यक्ष सी.बी. पालीवाल ने बताया ‘‘हम हर प्रतियोगी परीक्षा के कम से कम दो अलग-अलग प्रश्नपत्र तैयार करवाएंगे, ताकि अगर कोई एक पर्चा लीक हो तो इम्तेहान रद्द करने के बजाय अभ्यर्थियों को दूसरा पेपर उपलब्ध करा दिया जाए।‘‘
उन्होंने कहा कि आयोग भविष्य में दो तरह की परीक्षाएं और मेन्स कराने पर भी विचार कर रहा है। इसके लिये राज्य सरकार को जल्द ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। इससे भविष्य में परीक्षाओं के पर्चे लीक होने की सम्भावना नहीं रहेगी। पालीवाल का यह बयान प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा पिछले दिनों हुए नलकूप ऑपरेटर की भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक करने के मामले में मेरठ में एक गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किये जाने के दो दिन बाद आया है। मालूम हो कि हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा संचालित टयूबवेल आपरेटरों की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से राज्य एक बार फिर सुॢखयों में है। उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने रविवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें नलकूप ऑपरेटर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड भी शामिल है। पेपर लीक प्रकरण में प्रश्न पत्र की बुकलेट के लिए हर व्यक्ति से सात लाख रूपये का सौदा तय हुआ था। एसटीएफ ने एक वक्तव्य में बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से तीन हाथ से लिखी उत्तर पुस्तिकाएं, पांच प्रवेश पत्र, 13 मोबाइल फोन और भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है।
मास्टरमाइंड सचिन अमरोहा निवासी एक प्राथमिक स्कूल में अध्यापक है। उसने पूछताछ के दौरान बताया कि पिछले दो साल से वह विभिन्न परीक्षाओं के पर्चे लीक कराता रहा है। इससे पहले, 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से 51 लोगों को पकडा था। ये सभी सहायक शिक्षक की भर्ती परीक्षा के दौरान नकल कराने में मदद कर रहे थे। इसी तरह उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में साल्वर के माध्यम से पर्चा हल करने वाले गिरोह के 19 लोग गिरफ्तार हुए थे। साल्वरों के पास स्पाई माइक्रोफोन जैसे हाई टेक उपकरण थे । प्रदेश में पिछले एक दशक के दौरान मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड और अन्य कुछ प्रतियोगी परीक्षाएं भी पेपर लीक होने की वजह से सुॢखयों में रह चुकी हैं।