एहसान जाफरी के बेटे ने कहा, उच्चतम न्यायालय के निर्णय से निराशा हूं

Edited By PTI News Agency,Updated: 24 Jun, 2022 06:53 PM

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अहमदाबाद, 24 जून (भाषा) कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने शुक्रवार को कहा वह 2002 में हुए गुजरात दंगों के मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को एसआईटी की तरफ से क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ याचिका...

अहमदाबाद, 24 जून (भाषा) कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने शुक्रवार को कहा वह 2002 में हुए गुजरात दंगों के मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को एसआईटी की तरफ से क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ याचिका खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय से निराश हैं।

दंगों के दौरान एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी। एहसान की पत्नी जकिया ने मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट देने वाली विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी।

तनवीर जाफरी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''मैं अदालत के निर्णय से निराश हूं। चूंकि मैं देश से बाहर हूं, इसलिये निर्णय का अध्ययन करने के बाद मैं विस्तृत बयान दूंगा।''
तनवीर के वकील के अनुसार तनवीर फिलहाल हज यात्रा के लिए मक्का में हैं जबकि जकिया अपनी बेटी के साथ अमेरिका में हैं।

गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाड़िया ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय को मानने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा, ''दंगों के दौरान कई लोगों को जिंदा जला दिया गया था। उनमें से एक हमारी पार्टी के पूर्व सांसद एहसान जाफरी थे। उनकी पत्नी जकिया न्याय पाने की उम्मीद में 85 साल की उम्र में भी मामला लड़ रही थीं। अब, उनके पास उच्चतम न्यायालय के फैसले को मानने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।''
कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ''जकिया जाफरी मामले में आज फैसला सुनाया गया और ठीक दो मिनट में निर्णय आ गया। 8 फरवरी, 2012 की एसआईटी रिपोर्ट को उच्चतम न्यायालय ने पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है। 15 अप्रैल, 2013 को दाखिल विरोध याचिका को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया । उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि कानून के शासन का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, और इसलिए अपील खारिज कर दी गई है।''
सीतलवाड़ ने पूरी कानूनी लड़ाई के दौरान जकिया जाफरी का समर्थन किया।

एहसान जाफरी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे। इससे एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। इन घटनाओं के बाद ही गुजरात में दंगे भड़क गए थे।

उच्चतम न्यायालय ने दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाने से संबंधित जकिया जाफरी की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।



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