Edited By Riya bawa,Updated: 09 Apr, 2020 03:09 PM
कोरोना वायरस के बढ़ते मामले से PPE यानी...
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते मामले से PPE यानी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की मांग भी तेज़ी से बढ़ी है और यही वजह है कि मार्केट में सुरक्षा के इन उपकरणों में भारी गिरावट आई है। कोरोनो वायरस प्रकोप के मद्देनज़र एम्स ने PPE के पुन: उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। आमतौर पर PPE का इस्तेमाल एक ही बार किया जाता है और फिर इसे फेंक दिया जाता है। क्योंकि अब मार्केट में इस तरह की किट्स अब मुश्किल से उपलब्ध हो रही हैं, इसलिए किट को डिसइंफेक्ट करने के तरीके बताए जा रहे हैं।
बार-बार इस्तेमाल नहीं होती पीपीई किट
एम्स की दिशानिर्देशों के अनुसार, इस वक्त पीपीई किट के दोबारा इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि इससे रिस्पीरेटर की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। लेकिन, अगर इन किट्स को डिसइंफेक्ट कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है, और मौजूदा किट थोड़े ज़्यादा समय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
एम्स न जारी किया बयान
वर्तमान की चुनौतियों को देखते हुए एम्स ने बयान जारी किया है कि COVID-19 महामारी ने स्वास्थ्य सेवा सेटिंग में हमारे संसाधनों को जबरदस्त रूप से प्रभावित किया है। सबसे ज़रूरी मुद्दों में से एक मरीज़ों की देखभाल में उपयोग किए जाने वाले व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (PPE) की तेज़ी से कमी है। यह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए चिंता का एक बड़ा विषय है।
ये अपनाएं तरीका
एम्स के दिशानिर्देशों के अनुसार, सीलबंद कमरे में 11 प्रतिशत हाइड्रोजन पेरोक्साइड वाष्प के दोहरीकरण का उपयोग करके कवरऑल्स और N95 मास्क को डिसइंफेक्ट किया जा सकता है। वहीं, 0.5 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन और 70 प्रतिशत अल्कोहल को मिलाकर फेस शील्ड्स और प्रोटेक्टिव ग्लासेज़ को साफ किया जा सकता है।