Edited By ,Updated: 07 May, 2015 12:33 AM
आरोप सिद्ध न होने पर एक दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया। आरोपी सिकंदर उर्फ काका निवासी गांव दीणी के खिलाफ आधी रात को विवाहिता के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार करने का मामला अदालत में चल रहा था।
धर्मशाला: आरोप सिद्ध न होने पर एक दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया। आरोपी सिकंदर उर्फ काका निवासी गांव दीणी के खिलाफ आधी रात को विवाहिता के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार करने का मामला अदालत में चल रहा था। अभियोजन पक्ष के 18 गवाहों के बयानों एवं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दविंद्र कुमार की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। बचाव पक्ष की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता सुधीर संबयाल ने की।
अधिवक्ता संबयाल ने बताया कि आरोपी सिकंदर पर एक विवाहिता के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप था। पीडि़ता ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि 27 अगस्त, 2012 को रात करीब 10 बजे जब वह घर में अकेली थी तो आरोपी ने उसके घर में घुसकर उसे बेहोशी की दवाई सुंघाने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडि़ता की शिकायत पर सिकंदर के खिलाफ पुलिस थाना इंदौरा में मामला दर्ज किया गया था। धर्मशाला स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में चली केस की सुनवाई में बुधवार को न्यायाधीश दविंद्र कुमार की अदालत ने आरोप सिद्ध न होने के चलते सिकंदर को बरी कर दिया।