सुलगी चिंगारी: एनुअल चार्ज व ट्रांसपोर्ट फीस वसूलने के खिलाफ विधायक के साथ सड़कों पर उतरे अभिभावक

Edited By Surinder Kumar,Updated: 07 Dec, 2020 01:47 PM

guardians took to the streets against annual charges and transport fees

लॉकडाऊन और उसके बाद के समय में स्कूल फीस और अन्य चार्जिज वसूलने को लेकर जिला ऊना में भी आंदोलन की ङ्क्षचगारी सुलग उठी है। इसी कड़ी में जिला मुख्यालय ऊना में विद्यार्थियों के अभिभावकों ने एकजुटता दिखाते हुए स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज बुलंद की।

ऊना(अमित/विशाल): लॉकडाऊन और उसके बाद के समय में स्कूल फीस और अन्य चार्जिज वसूलने को लेकर जिला ऊना में भी आंदोलन की चिंगारी सुलग उठी है। इसी कड़ी में जिला मुख्यालय ऊना में विद्यार्थियों के अभिभावकों ने एकजुटता दिखाते हुए स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आवाज बुलंद की। इस मौका पर सदर से कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा भी विशेष रूप से मौजूद रहे और उन्होंने अभिभावकों के साथ डी.सी. ऊना से मुलाकात की और स्कूलों की मनमानी बंद न होने पर उग्र आंदोलन छेडऩे की चेतावनी भी दी। अभिभावकों ने भी इस मुद्दे पर डी.सी. ऊना के साथ चर्चा की और समस्या से निजात दिलाने की मांग उठाई।

सोमवार को जिला मुख्यालय पर मिनी सचिवालय सचिवालय में दर्जनों अभिभावक एक निजी स्कूल के खिलाफ एकजुट हुए। इस मौका पर अभिभावकों मंदीप राठौर, यशपाल ङ्क्षसह, अवतार ङ्क्षसह, आंचल, सरिता, सपना भारद्वाज, सीमा देवी, मोनिका, मनदीप भारद्वाज, सुनीता शर्मा, रीना रानी, सिद्धार्थ भारद्वाज, दीपा शर्मा, वरुण भारद्वाज आदि ने सदर विधायक के समक्ष अपनी समस्या रखते हुए समस्या से निजात दिलाने का आग्रह किया। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा मनमाने ढ़ंग से एनुअल चार्ज वसूले जा रहे हैं। स्कूल बंद होने की स्थिति में भी ट्रांसपोर्ट फीस वसूली जा रही है। वहीं हर साल मनमाने तरीके से फीस की बढ़ौतरी कर दी जाती है और अभिभावकों से इस बारे में कोई विचार विमर्श नहीं किया जाता।

सदर विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश भर में यह हालात हो गए हैं। एक ओर निजी स्कूल प्रबंधन आर्थिक परेशानी में हैं तो दूसरी ओर अभिभावकों को इसका खामियाजा अधिक भुगतना पड़ रहा है। रायजादा ने कहा कि यदि सरकार निजी स्कूलों के लिए कोई पैकेज देती या टैक्स-इंश्योरेंस माफ करती तो आज यह बोझ अभिभावकों पर नहीं पड़ता। कुछ निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस व चार्ज वसूल कर रहे हैं जिनके खिलाफ वह अभिभावकों के साथ है। विधायक ने कहा कि अभिभावकों के साथ किसी भी तरह का कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा चाहे इसके लिए उन्हें अभिभावकों के साथ कहीं विरोध प्रदर्शन करना पड़े चाहे धरने देने पड़े वह पीछे नहीं हटेंगे।

वहीं, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों को किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी गई है और ऐसे में स्कूल आर्थिक संकट में आ गए हैं। प्रदेश सरकार ने 10 नवम्बर को नोटिफिकेशन जारी करते हुए फीस व चार्ज वसूलने की अनुमति दी थी जिसके बाद इनमें काफी स्तर पर कटौती करके अभिभावकों से फीस व चार्ज मांगे गए हैं। यदि सरकार इस पर पाबंदी लगाती है तो वह सरकार के निर्देशों का पालना करेंगे। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि यदि किसी अभिभावक की नौकरी चली गई है या आर्थिक संकट में है तो स्कूल प्रबंधन सब तरह की फीस माफ करेगा।

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