Edited By ,Updated: 29 Sep, 2015 02:02 AM
मंगल ग्रह पर भविष्य में बस्तियां बसाने की कल्पना अब केवल कथा कहानियों तक सिमट कर नहीं रहेगी क्योंकि मंगल ग्रह की सतह पर पानी तरल अवस्था में देखा गया है
पेरिस: मंगल ग्रह पर भविष्य में बस्तियां बसाने की कल्पना अब केवल कथा कहानियों तक सिमट कर नहीं रहेगी क्योंकि मंगल ग्रह की सतह पर पानी तरल अवस्था में देखा गया है जो जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आज यह जानकारी दी।
नासा के खगोलीय विज्ञान विभाग के निदेशक जिम ग्रीन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया,‘‘मंगल एक सूखा और बंजर ग्रह नहीं है जैसा कि पहले सोचा जाता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ निश्चित परिस्थितियों में पानी तरल अवस्था में मंगल पर पाया गया है।’’ वैज्ञानिक लंबे समय से यह मानते आ रहे थे कि कभी पूरे लाल ग्रह पर पानी भरपूर मात्रा में बहता था और इसी के कारण इसकी घाटियां और गहरे दर्रे बने हैं।
ग्रीन ने बताया कि तीन अरब साल पहले जलवायु में आए बड़े बदलावों के चलते मंगल का सारा रूप बदल गया। ग्रीन ने कहा, ‘‘ आज हम इस ग्रह के बारे में अपनी समझ को क्रांतिकारी आकार दे रहे हैं। हमारे रोवर्स ने पता लगाया है कि वहां हवा में कहीं अधिक आद्र्रता है।’’ इस ग्रह की सतह की खोज में जुटे रोवर्स ने यह भी पाया है कि इसकी मिट्टी पहले लगाए गए अनुमानों से कहीं अधिक नम है।
मंगल की सतह पर चार साल पहले ढलानों पर गहरे रंग की रेखाएं देखी गयी थीं। वैज्ञानिकों के पास इसके सबूत नहीं थे लेकिन बाद में पाया गया कि ये रेखाएं गर्मियों में बढ़ जाती थीं और उसके बाद सर्दियां आते आते गायब हो जाती थीं। अब पता चला है कि ये असल में पानी की धाराएं हैं। लेकिन अब इसके सावधानीपूर्वक अध्ययन और विश्लेषण के बाद वैज्ञानिक यह कहने को तैयार हैं कि ये रेखाएं वास्तव में जल धाराएं हैं।