Edited By Ashish panwar,Updated: 19 Jan, 2020 09:25 PM
बांग्लादेशी का एक नागरिक 48 साल पहले किसी व्यावसायिक काम के लिए यात्रा पर घर से निकला था। लेकिन फिर वापस नहीं आया, वह व्यक्ति 48 साल बाद फेसबुक के एक विडियो के माध्यम से अब अपने परिवार से मिल सका है। हबीबुर रहमान सिलहट स्थित अपने गृहनगर बजग्राम में...
इंटरनेशनल डेस्कः बांग्लादेशी का एक नागरिक 48 साल पहले किसी व्यावसायिक काम के लिए यात्रा पर घर से निकला था। लेकिन फिर वापस नहीं आया, वह व्यक्ति 48 साल बाद फेसबुक के एक विडियो के माध्यम से अब अपने परिवार से मिल सका है। हबीबुर रहमान सिलहट स्थित अपने गृहनगर बजग्राम में सीमेंट का व्यापार करता था। 30 वर्ष की उम्र में घर छोड़ने के बाद परिवार के सदस्यों ने उनकी काफी तलाश कीं। लेकिन वह नहीं मिल सका।
अमेरिका में रहने वाले हबीबुर के सबसे बड़े बेटे की पत्नी ने शुक्रवार को एक मरीज के लिए आर्थिक मदद मांगने वाले शख्स की विडियो देखी, पैसों की कमी की वजह से मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा था। उसने अपने ससुर के लापता होने की कहानी सुनी थी। ऐसे में विडियो देख उसे कुछ शक हुआ और उसने अपने पति को वह विडियो भेजा। हबीबुर के बड़े बेटे ने अपने छोटे भाई से सिलहट जाकर उस मरीज के बारे में पता लगाने को कहा। शनिवार की सुबह जब वे अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि वह मरीज कोई और नहीं उनके ही पिता हैं।
'द डेली स्टार' अखबार ने एक भाई के बयान का हवाला देते हुए कहा, 'मुझे याद है कि मेरी मां और मेरे चाचा ने सालों तक उन्हें खोजने के लिए सब कुछ किया, अंत में वह हार मान बैठे। इसके बाद साल 2000 में मेरी मां का निधन हो गया।' बीते 25 सालों से हबीबुर मौलवीबाजार के रायोसरी इलाके में रह रहा था। वहां रजिया बेगम नाम की एक महिला उनकी देखभाल करती थी। रजिया ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों ने हबीबुर को 1995 में हजरत शाहब उद्दीन दरगाह में बदहाल हालत में पाया था। रजिया ने कहा, 'उन्होंने कहा था कि वह बंजारों की तरह जीते थे। वह तब से हमारे साथ रह रहे हैं। हम उनका सम्मान करते हैं और उन्हें पीर कह कर बुलाते हैं।' ’ घर के मुखिया को वापस पाने के बाद हबीबुर के परिवार ने उनके बेहतर इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।