Edited By Tanuja,Updated: 08 May, 2022 04:50 PM
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) और कनाडा ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से पूरा शरीर ढकने के...
काबुल: अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) और कनाडा ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से पूरा शरीर ढकने के तालिबान के फरमान का विरोध किया है। UNAMA का कहना है कि तालिबान का यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ तनाव को और बढ़ा सकता है। हिजाब व बुर्का के फैसले पर चिंता जताते हुए UNAMA एक बयान में कहा यह एक सिफारिश के बजाय एक औपचारिक निर्देश है और इसे लागू किया जाएगा।"
पजवोक अफगान की रिपोर्ट के अनुसार UNAMA ने कहा, "यह निर्णय महिलाओं और लड़कियों सहित सभी अफगानों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण के संबंध में दिए गए तालिबानी आश्वासनों के विपरीत है, जो सरकार बनाने के बाद कई दौर की बातचीत के दौरान तालिबान प्रतिनिधियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दिए गए थे।"UNAMA ने कहा कि वह इस निर्णय की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए तालिबान अधिकारियों के साथ तुरंत बैठक करने का अनुरोध करेगा। पझवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, UNAMA इसके निहितार्थों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श भी करेगी।
उधर, कनाडा ने अफगानिस्तान में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को पूरी तरह से बुर्का पहनने के लिए बाध्य करने के तालिबान के हालिया फैसले की निंदा की है। कनाडा के वैश्विक मामले विभाग ने कहा, "कनाडा तालिबान द्वारा अफगान महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंधों के बारे में गहराई से चिंतित है, जिसमें अब सार्वजनिक रूप से बुर्का पहनने का फैसला शामिल है। अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के लिए हाल के दशकों में हासिल किए गए मानवाधिकारों को संरक्षित किया जाना चाहिए।"
बता दें कि शनिवार तालिबान ने नया फऱमान जारी करते हए सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को सिर से पांव तक खुद को ढक कर ऱखने के आदेश दिए हैं। तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हिबतुल्लाह अखुनज़ादा का एक फरमान काबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पढ़ा गया जिसके मुताबिक, अगर महिला ने घर के बाहर अपना चेहरा नहीं ढका तो उसके पिता या निकटतम पुरुष रिश्तेदार को जेल होगी या सरकारी नौकरी से निकाल दिया जाएगा। UNAMA ने कहा कि हालांकि "अगस्त 2021 में अधिग्रहण के बाद तालिबान ने महिलाओं को उनके अधिकार देने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तालिबान अपने हर वायदे मुकर रहा है ।"