Edited By Tanuja,Updated: 21 Jul, 2019 04:57 PM
शिनजियांग में नजरबंदी शिविरों में जातीय उइगुर मुसलमानों को कथित तौर पर हिरासत में रखने को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं ....
बीजिंग: शिनजियांग में नजरबंदी शिविरों में जातीय उइगुर मुसलमानों को कथित तौर पर हिरासत में रखने को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं का सामना कर रहे चीन ने रविवार को एक श्वेत पत्र जारी किया और कहा कि यह अस्थिर प्रांत देश का ‘‘अविभाज्य'' हिस्सा है तथा यह कभी ‘‘पूर्वी तुर्किस्तान'' नहीं रहा जैसा कि अलगाववादी दावा करते हैं।
चीन उन खबरों को लेकर पश्चिमी देशों की तीखी आलोचना का सामना कर रहा है कि उसने भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा कई मध्य एशियाई देशों के साथ लगती सीमा पर शिनजियांग में नजरबंदी शिविरों में 10 लाख लोगों को बंद कर रखा है जिनमें से ज्यादातर जातीय उइगुर हैं। खबरें हैं कि उसने अलगाववादी पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक आंदोलन (ईटीआईएम) के हिंसक हमलों को नियंत्रित करने के प्रयास में ऐसा किया।
चीन अशांत शिनजियांग क्षेत्र और बीजिंग समेत देश के कई अन्य हिस्सों में कई हिंसक हमलों के लिए ईटीआईएम को जिम्मेदार ठहराता है। संसाधनों से भरपूर शिनजियांग प्रांत तुर्की भाषा बोलने वाले एक करोड़ से अधिक उइगुर मुसलमानों का घर है। चीन ने रविवार को श्वेत पत्र जारी कर कहा कि चीन के इतिहास में कभी भी उत्तर पश्चिम शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र ‘‘पूर्वी तुर्किस्तान'' का हिस्सा नहीं रहा और ‘‘पूर्वी तुर्किस्तान'' नाम का कोई राज्य नहीं रहा।
श्वेत पत्र में कहा गया है, ‘‘हाल के समय में चीन में और उसके बाहर शत्रु ताकतों खासतौर से अलगाववादियों, धार्मिक चरमपंथियों और आतंकवादियों ने इतिहास तथा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर चीन को बांटने की कोशिश की।'' इसमें कहा गया, ‘‘शिनजियांग लंबे समय से चीनी क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा रहा है। कभी भी उसे तथाकथित ‘पूर्वी तुर्किस्तान' नहीं कहा गया। उइगुर जातीय समूह प्रवास और एकीकरण की लंबी प्रक्रिया से अस्तित्व में आया।''