UNSC की बैठक से पहले चीन ने भारत से मांगे आतंकी मसूद के खिलाफ सबूत

Edited By Tanuja,Updated: 13 Mar, 2019 02:41 PM

china wants evidence from india for masood azhar

मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले में चीन ने बुधवार को जवाबदेही से पहले दोस्त पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत से उसके खिलाफ सबूत मांगे हैं...

बीजिंगः मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले में चीन ने बुधवार को जवाबदेही से पहले दोस्त पाकिस्तान का साथ देते हुए भारत से उसके खिलाफ सबूत मांगे हैं। इससे साफ हो गया है कि उसकी मंशा क्या है। इससे पहले माना जा रहा था कि अगर इस अवधि में कोई देश स्पष्टीकरण नहीं मांगता तो मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का रास्ता साफ हो जाएगा। ) पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित किए जाने के प्रस्ताव पर  आपत्ति उठाने की अंतिम तिथि घोषित होने में अब कुछ ही समय शेष रह गया है जिसके बाद इस पर फैसला आएगा।
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अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन एवं अमेरिका की ओर से 27 फरवरी को रखा गया था। यह प्रस्ताव फिलहाल ‘कोई आपत्ति नहीं’ अवधि के तहत था और समिति के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति उठाने के लिए 10 कार्यदिवस का समय था। यह अवधि बुधवार दोपहर तीन बजे खत्म हो रही है। समिति अपने सदस्यों की सर्वसम्मति से फैसले लेती है।सबकी निगाहें चीन पर हैं जो पूर्व में अजहर को संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में अड़ंगा डाल चुका है। अलकायदा प्रतिबंध समिति के सूचीबद्ध नियमों के तहत अगर किसी भी सदस्य की ओर से कोई आपत्ति नहीं उठाई गई तो फैसले को स्वीकृत माना जाएगा। इसका अर्थ यह होगा कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र चिह्वित वैश्विक आतंकवादी मान लिया जाएगा।

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बता दें कि भारत पिछले 10 साल से मसूद अजहर को बैन की मांग कर रहा है । सबसे पहले 2009 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में प्रस्ताव रखा गया था । इसके बाद 2016 में भी प्रस्ताव लाया गया लेकिन चीन ने अड़ंगा लगा दिया । 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से प्रस्ताव पारित किया था लेकिन चीन ने वीटो कर दिया। पाक से दोस्ती के चलते चीन कोई कड़ा रुख अपनाने से गुरेज कर रहा है । यही वजह है कि कल उसने सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले दोहराया, केवल बातचीत से ही ‘जिम्मेदार समाधान’ निकल सकता है और आज बैठक से कुछ घंटे पहले भारत से मसूद के खिलाफ सबूत मांग फिर अपनी कपटी चाल को स्पष्ट कर दिया है।

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गौरतलब है कि मसूद को लेकर अगर चीन के रुख में बदलाव हुआ तो यह ऐतिहासिक पहल होगी। भारत सहित दुनिया के कई देशों ने चीन को मनाने का प्रयास किया है। लेकिन अभी तक चीन ने अपना रुख साफ नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि प्रस्ताव लाने वाले देश अमेरिका, फ्रांस व ब्रिटेन ने भी चीन को राजी करने की कोशिश की है। पाकिस्तान पर ज्यादातर देशों का दबाव है कि वह मसूद अजहर का बचाव करना छोड़ दे तो संभव है कि इस कदम से क्षेत्रीय शांति व स्थिरता प्रभावी हो सके।  भारत ने सऊदी अरब व तुर्की जैसे देशों से भी संपर्क साधकर मसूद अजहर पर कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाने का प्रयास किया है। सूत्रों ने कहा कि पूरे मामले में चीन का रुख सबसे अहम रहने वाला है। क्योंकि चीन ने ही हर बार मसूद अजहर से जुड़े प्रस्ताव पर रोड़ा अटकाया है।

मसूद वैश्विक आतंकी घोषित हुआ तो होगी ये कार्रवाईयां

  • संयुक्त राष्ट्र संघ के किसी भी सदस्य देश की यात्रा पर रोक लग जाएगी।
  • उसकी सारी चल-अचल संपत्ति फ्रीज कर दी जाएगी। 
  • संयुक्त राष्ट्र से जुड़े देश के लोग किसी तरह की मदद नहीं दे सकेंगे।
  • कोई भी देश मसूद को हथियार मुहैया नहीं करा सकेगा।

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उल्लेखनीय है कि अमेरिका, फ्रांस और रूस मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव ला चुके हैं। न्यूजीलैंड की संसद ने पिछले दिनों निंदा प्रस्ताव पारित किया था ।इसराईल ने मसूद पर कार्रवाई के लिए बिना शर्त मदद की पेशकश की है ।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले की कठोरतम शब्दों में निंदा की है व सभी देशों से भारत का साथ देने की अपील की है।

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