Edited By Tanuja,Updated: 15 Jun, 2019 04:08 PM
क्लाइमेट चेंज लेकर एक चौंकाने वाला शोध सामने आया है जो अब तक के किसी भी शोध से कहीं ज्यादा गंभीर है...
सिडनीः क्लाइमेट चेंज लेकर एक चौंकाने वाला शोध सामने आया है जो अब तक के किसी भी शोध से कहीं ज्यादा गंभीर है । इस नई रिसर्च में बताया गया है कि कैसे क्लाइमेट चेंज के चलते 2050 तक मानव सभ्यता खत्म हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया स्थित एक Think tank 'breakthrough National Centre for Climate Resoration' ने चेतावनी दी है कि मानव सभ्यता अगले 3 दशकों से ज्यादा नहीं बच पाएगी।
इस वर्ष 2050 तक पृथ्वी का औसतन तापमान 3°c तक बढ़ जाएगा। ऑस्ट्रेलियन रक्षा बल के चीफ और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के एडमिरल, क्रिस बैरी ने बताया कि ये रिपोर्ट इंसान और पृथ्वी की निराशाजनक स्तिथी को दर्शाती है। ये बताती है कि मानव जीवन अब भयंकर रूप से विलुप्त होने की कगार पर है। क्लाईमेट चेंज अब मानव अस्तित्व के लिए खतरा बनता चला जा रहा है। ऐसा खतरा जिसे संभाल पाना लगभग नामुमकिल हो जाएगा। बैरी ने ये भी कहा कि न्यूक्लियर वॉर के बाद मानव जीवन को दूसरा बड़ा खतरा ग्लोबल वार्मिंग से है।
ग्रीनपीस की कैम्पेनर पूजरिणी सेन बताती हैं कि इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की कमिटी ने रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि हमारे पास धरती को बचाने के लिए सिर्फ 11 से 12 साल बचे हैं.।जिस तरह से बाकी कई प्रजातियां विलुप्त हुई हैं अगर कार्बन एममिशन रोकने के लिए सही कदम नही उठाए तो 2050 तक इंसान भी विलुप्त होने की कगार पर आ जाएंगे। उन्होने कहा कि अब ज़्यादा वक़्त नही बचा इसलिेए सभी देशों की सरकारों को एकजुट होकर इसके लिए काम करना होगा।इस रिसर्च से जुड़े शोधकर्ताओं ने मौजूादा स्थिती को देखते हुए 2050 तक का एक परिदृश्य तैयार किया है जिसके मुताबिकः
- 1.2050 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी और धरती के 35% हिस्से को साल में 20 दिन जानलेवा गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
- 2. कृषि उत्पाद के पांचवे हिस्से में कटौती होगी।
- 3. अमेजन (Amazon) ईकोसिस्म नष्ट हो चुका हो जाएगा।
- 4. आर्कटिक जोन गर्मियों में बर्फ मुक्त हो चुका होगा।
- 5. समुद्र स्तर 0.5 मीटर तक बढ़ जाएगा।
- 6. एशिया की सभी महान नदियों का पानी अधिक मात्रा में सूख जाएगा।
- 7. 1 अरब से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर दूसरी जगह बसने को मजबूर हो जाएंगे।
- 8. सेमी परमानेंट एल नीनो कंडीशन बन जाएगी।
- 9. पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा रेगिस्तान में तबदील हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिक, महेश पल्हावत के मुताबिक एलनीनो कंडीशन समझते हुए बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक एल नीनो सेमी परमानेंट कंडीशन तक पहुंच जाएगा। इस वजह से मॉनसून में गिरावट आएगी। मानसून धीरे-धीरे कम होता जाएगा। इसके विपरीत ला नीना कंडीशन खत्म हो जाएगी जो कि मानसून लाती है। पर्यावरण विद मनु सिंह बताते हैं कि परिस्तिथियां इस रिपोर्ट से कहीं ज़्यादा भयानक हैं। लगभग 60 फीसदी जंगली जीव विलुप्त हो चुके हैं. अगले 10 साल में 90 फीसदी स्तनधारी जीव विलुप्त हो जाएंगे। 70 फीसदी मछलियों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। दूसरी प्रजातियों में प्रलय आ चुकी है और इंसानों तक जब ये प्रलय आएगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।