Edited By Tanuja,Updated: 23 Jun, 2021 06:05 PM
भारत की नकल करते हुए चीन ने अपनी वैक्सीन डिप्लोमेसी को बढ़ाते हुए कई देशों को टीका पहुंचाया। कई देशों ने चीन से टीके खरीदे भी लेकिन ...
बीजिंगः भारत की नकल करते हुए चीन ने अपनी वैक्सीन डिप्लोमेसी को बढ़ाते हुए कई देशों को टीका पहुंचाया। कई देशों ने चीन से टीके खरीदे भी लेकिन चीनी कोरोना वैक्सीन कितनी असरदार है इसको लेकर सवाल उठते रहे हैं । न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिन देशों में चीनी वैक्सीन लगाई गई वहां कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन चीनी टीकों पर निर्भर थे लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में संक्रमण अब तेजी से फैलने लगा है। कई देशों के उदाहरण से संकेत मिले हैं कि चीनी वैक्सीन कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर नहीं है, खासतौर पर नए वैरिएंट्स को रोकने में।
सेशेल्स, चिली, बहरीन और मंगोलिया में करीब 50 प्रतिशत से 68 प्रतिशत तक की आबादी का टीकाकरण पूरा हो गया है। यह स्थिति तब है जब तेजी से टीकाकरण के मामले में ये देश अमेरिका से भी आगे हैं। हालांकि, कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित टॉप 10 देशों में ये देश शामिल हैं। हालांकि, संक्रमण में बढ़ोतरी के बावजूद मंगोलिया और सेशेल्स के अधिकारी चीन की सिनोफार्म वैक्सीन की वकालत कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह कोरोना के गंभीर मामलों से निपटने में असरदार है। यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग-कॉन्ग के वायरोलॉजिस्ट जिन डोंगयान कहते हैं, 'अगर टीके असरदार होते, तो हमें यह पैटर्न देखने को नहीं मिलता। चीन की जिम्मेदारी है कि वह इसका समाधान करे।'
चीन की सिनोफार्म पर निर्भर सेशेल्स में हर 10 लाख लोगों में से 716 अभी भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। चीन की ओर से सहायता के तौर पर दिए टीकों पर निर्भर मंगोलिया ने टीकाकरण शुरू करते ही प्रतिबंधों में ढील देना भी शुरू कर दिया था। मंगोलिया ने देश की 52 फीसदी आबादी का टीकाकरण कर दिया है। हालांकि, रविवार को यहां कोरोना के 2 हजार 400 नए केस दर्ज किए गए। बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात पहले दो देश थे जिन्होंने सिनोफार्म वैक्सीन को मंजूरी दी थी, जबकि इसके अंतिम चरण के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा तक नहीं आया था। हालांकि, इसके बावजूद इन देशों में टीका पाए लोगों के बीमार हो रहे हैं।
हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि संक्रमण में बढ़ोतरी का चीनी वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है। डब्लूएचओ का हवाला देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुछ देशों में टीकाकरण की दर संक्रमण रोकने के लिए पर्याप्त स्तर तक नहीं पहुंची है और देशों को अभी प्रतिबंध जारी रखने की जरूरत है। बता दें कि फाइजर-बायोनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन जहां 90 फीसदी तक असरदार है, तो वहीं चीन की सिनोफार्म वैक्सीन संक्रमण के खिलाफ 78. फीसदी तक असरदार है। इसके अलावा चीन की सिनोवैक वैक्सीन सिर्फ 51फीसदी असरदार है।