Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 03:42 PM
चीन और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना चाइना-पाक इकॉनमिक कॉरिडोर ( CPEC) पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। ''द डिप्लोमैट'' ने अपने एक लेख में 60 अरब डॉलर की इस परियोजना को लेकर लिखा है कि मौजूदा आर्थिक, सुरक्षा और...
वॉशिंगटनः चीन और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के चलते चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना चाइना-पाक इकॉनमिक कॉरिडोर ( CPEC) पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। 'द डिप्लोमैट' ने अपने एक लेख में 60 अरब डॉलर की इस परियोजना को लेकर लिखा है कि मौजूदा आर्थिक, सुरक्षा और क्षमता के मुद्दों पर दोनों देशों के मतभेद इस प्रॉजेक्ट के भविष्य पर ग्रहण लगता दिख रहा है। हैं। इस प्रॉजेक्ट को लेकर कई बार पेइचिंग और इस्लामाबाद की ओर से आपत्ति जताई जाती रही है।
प्रोजेक्ट में अड़ंगों को लेकर कई बार दोनों देशों की ओर के संदेह और गुस्सा जाहिर किया गया है। पाकिस्तान को गहरी चिंता है कि चीन की ओर से कड़ी आर्थिक और सुरक्षा शर्तों के चलते देश कर्ज के संकट में फंस सकता है। लेख के मुताबिक, 'इस्लामाबाद में चीन से इस प्रॉजेक्ट को लेकर 'न' कहने का दबाव है। पाकिस्तान के लोगों का मानना है कि चीन अपने हितों के लिए अपनी शर्तों को मनवाता है, लेकिन पाक के हितों को नजरअंदाज कर देता है।'
लेख के मुताबिक 14 अरब डॉलर की दायमर-भाषा बांध परियोजना से पाकिस्तान के हाथ खींचने का फैसला इसका उदाहरण है। आर्टिकल के लेखक उमैर जमाल ने चेताया, 'असल में इस्लामाबाद का उभरता आर्थिक मॉडल काफी हद तक चीन पर निर्भर होता जा रहा है। बीते कुछ सालों में कई बार पाकिस्तान ने आर्थिक संकट में घिरने की स्थिति में पाकिस्तान से मदद मांगी।
ऐसे में पाकिस्तान चीन से काफी आर्थिक मदद ले चुका है और संकट में घिर गया है। यदि चीन की ओर से आर्थिक मोर्चे पर इसी तरह आक्रामक रुख रहा तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि पाकिस्तान की ओर से कुछ और प्रोजेक्ट्स से हाथ खींच लिया जाए।' लेख के मुताबिक प्रोजेक्ट को लेकर चीन की कड़ी आर्थिक नीतियों और पारदर्शिता में कमी के चलते पाकिस्तान की पूरी इकॉनमी ही संकट में घिर सकती है। इसके अलावा चीन के नजरिए से बात करें तो वह भी इन प्रोजेक्ट्स को लेकर आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े मसलों को लेकर चिंतित है।