क्या रायबरेली सीट पर अपनी बहन प्रियंका के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे वरुण गांधी ?

Edited By Mahima,Updated: 27 Apr, 2024 10:12 AM

will varun gandhi contest against his sister priyanka

उत्तर प्रदेश की राय बरेली और अमेठी सीट पर कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों सीटों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल और प्रियंका को इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं।

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की राय बरेली और अमेठी सीट पर कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों सीटों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल और प्रियंका को इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। इसी बीच ऐसी भी चर्चा है कि पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद उन्हें भाजपा रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारने की योजना बना रही है। यहां अहम बात यह है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में रायबरेली और कैसरगंज सीट को छोड़ कर  अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। हालांकि इस मामले से जुड़े जानकारों का यह भी कहना है कि पीलीभीत से टिकट न मिलने के कारण वरुण गांधी भाजपा से नाराज भी चल रहे हैं, इसलिए भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आना भी उनके लिए एक बड़ा विकल्प हो सकता है। जबकि भाजपा में हालात ऐसे है कि वह जीत के लिए किसी से भी किसी तरह का समझौता करने के लिए तैयार है।  

वरुण गांधी के पास क्या हैं विकल्प?
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वरुण के लिए अब से 2024 उनके राजनीतिक सफर में मील का पत्थर साबित हो सकता है। रिपोर्ट में संभावना जताते हुए कहा गया है कि अगर उन्होंने भाजपा छोड़ी तो कांग्रेस में भी एक दरवाजा खुल सकता है। इसके अलावा वह अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए किसी क्षेत्रीय पार्टी की ओर रुख कर सकते हैं।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं और अखिलेश ने हाल ही में पीलीभीत में चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक रूप से उनकी प्रशंसा की थी। हालांकि, वरुण गांधी के लिए यह काफी मुश्किल होगा, क्योंकि उनकी माता मेनका पड़ोसी सीट सुल्तानपुर से भाजपा की उम्मीदवार हैं।

वरुण क्यों लड़ सकते हैं प्रियंका के खिलाफ चुनाव
राहुल गांधी से एक बार वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल करने के बारे में पूछा गया था उन्होंने कहा था कि वरुण की विचारधारा हमसे काफी अलग है। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि इन सब बातों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि वरुण अपनी बहन के खिलाफ चुनाव लड़ने से इनकार कर सकते हैं। विशेषकर उनकी माता मेनका गांधी ने 1984 का चुनाव राजीव गांधी के खिलाफ लड़ा था पर वो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर में चुनाव हार गईं थी। ऐसे में हो सकता है कि वह अब राजीव गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी को अपने बेटे वरुण गांधी से चुनाव हारते हुए  देखना चाहेंगी।

प्रियंका के चुनाव लड़ने की कितनी संभावना
पार्टी के महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेठी और रायबरेली के कांग्रेस कार्यकर्ता हाथ जोड़कर पार्टी नेतृत्व से विनती कर रहे हैं कि वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को दोनों सीटों से चुनाव लड़ने के लिए कहा जाना चाहिए। पांडे ने कहा कि नेतृत्व ने पहले ही प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा की है और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक इस पर अंतिम निर्णय लेगी।

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