Edited By Isha,Updated: 29 Jul, 2018 12:53 PM
मिस्र की एक अदालत ने प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के 75 सदस्यों को फांसी की सजा सुनाई है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, इन सबको पुलिसकर्मियों की हत्या करने और हिंसक
काइरोः मिस्र की एक अदालत ने प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के 75 सदस्यों को फांसी की सजा सुनाई है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, इन सबको पुलिसकर्मियों की हत्या करने और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहने के मामले में दोषी करार दिया गया है। काइरो अपराध अदालत का फैसला अब विचार के लिए सबसे बड़े मुफ्ती के पास भेजा जाएगा।
2013 में सेना ने तत्कालीन राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी को पद से हटा दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम ब्रदरहुड ने हिंसक आंदोलन चलाया था। मुर्सी खुद इसी संगठन के सदस्य थे। हिंसक झड़प में मुस्लिम ब्रदरहुड के सैकड़ों समर्थक और दर्जनों पुलिस कर्मी मारे गए।इस सिलसिले में मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता मुहम्मद बेदी और फोटो पत्रकार महमूद अबु जेद समेत 739 लोगों पर अभियोग चलाया गया था। मृत्युदंड के मामलों में मुफ्ती का फैसला बाध्यकारी नहीं होता है। इसे महज औपचारिकता माना जाता है। अदालत के फैसले को वे आमतौर पर मंजूरी दे देते हैं।
हालांकि, 2014 में मुफ्ती ने मुहम्मद बेदी के मृत्युदंड को खारिज कर दिया था। इसके बाद से वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। जिन 75 दोषियों को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है, उनमें 44 इस समय जेल में बंद हैं और शेष 31 फरार हैं।मानवाधिकार संगठनों ने किसी एक मामले में 700 से अधिक लोगों पर मुकदमा चलाने की आलोचना की है। उनका कहना है कि जिन लोगों को आरोपित किया गया है, उनमें पत्रकार और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने वाले लोग भी शामिल हैं।