Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2018 12:11 PM
चीन का दावा है कि चिंगदाओ शहर में शुरू होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में आतंकवाद की चुनौतियों , मादक पदार्थ तस्करी , सीमा पार से होने वाले अपराधों, सूचना सुरक्षा खतरों के समाधान के लिए सहयोग मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
बीजिंगः चीन का दावा है कि चिंगदाओ शहर में शुरू होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में आतंकवाद की चुनौतियों , मादक पदार्थ तस्करी , सीमा पार से होने वाले अपराधों, सूचना सुरक्षा खतरों के समाधान के लिए सहयोग मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। चीन के जन सुरक्षा मंत्रालय में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग के शीर्ष अधिकारी लियाओ जिनरोंग ने कहा कि इस सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने से समूह में सुरक्षा सहयोग मजबूत होगा।
एससीओ सदस्यों में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किरगिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। पिछले साल जून में कजाकिस्तान में अस्ताना शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किए जाने के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन होगा। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार लियाओ जिनरोंग ने कहा कि क्योंकि भारत और पाकिस्तान के पास सुरक्षा बनाए रखने और अपराध से लड़ने का व्यापक अनुभव है , इसलिए उनके प्रवेश से विकास क्षमता मजबूत होगी तथा सुरक्षा के संदर्भ में एससीओ सदस्यों के बीच सहयोग की गुंजाइश विस्तारित होगी।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के प्रवेश के बाद एससीओ क्षेत्र तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के भीतर सुरक्षा क्षेत्र में लोगों की नयी उम्मीदों के संबंध में अच्छी तरह जवाब देने में सक्षम होगा। लियाओ ने कहा कि एससीओ के समक्ष सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौती आतंकवाद की है। पिछले वर्षों में एससीओ के सदस्य देशों ने आतंकी हमलों का सामना करने तथा अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार करने में संयुक्त रूप से उपलब्धियां अर्जित की हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद , चरमपंथ और अलगाववाद रूपी ‘‘ तीन बुरी ताकतों ’’ के खिलाफ लड़ने के अतिरिक्त SCO सदस्य मादक पदार्थ नियंत्रण , सीमा पार अपराधों को रोकने , सूचना सुरक्षा को सुरक्षित करने और सीमा नियंत्रण को मजबूत करने में सहयोग कर रहे हैं। लियाओ ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में सुरक्षा का मुद्दा मुख्य विषयों में से एक होगा जिसमें अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थितियों का आकलन होगा और सहयोग बढ़ाने के लिए ठोस कदमों पर चर्चा की जाएगी।