चीन में अमरीकी कंपनियों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है नया जासूसी कानून

Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Jul, 2023 01:09 PM

espionage law may become problem for american companies in china

चीन में नया जासूसी कानून लागू होने के बाद अमरीकी और विदेशी कंपनियों के लिए यह सबब बन सकता है। अमरीका ने दावा किया है कि इस कानून के तहत चीन में काम कर रही अमरीकी और विदेशी कंपनियों को दोषी ठहरा कर चीन उन पर कार्रवाई कर सकता है।

जालंधर: चीन में नया जासूसी कानून लागू होने के बाद अमरीकी और विदेशी कंपनियों के लिए यह सबब बन सकता है। अमरीका ने दावा किया है कि इस कानून के तहत चीन में काम कर रही अमरीकी और विदेशी कंपनियों को दोषी ठहरा कर चीन उन पर कार्रवाई कर सकता है।

 

कंपनियों का डाटा किया जा सकता है नियंत्रित

अमरीका के नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (एन.सी.एस.सी.) ने एक बुलेटिन में कहा है कि चीन डाटा के आउटबाउंड प्रवाह को राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम के रूप में देखता है। एन.सी.एस.सी. ने कहा है कि ये कानून पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पी.आर.सी.) सरकार को चीन में अमरीकी कंपनियों द्वारा रखे गए डाटा तक पहुंचने और नियंत्रित करने के लिए विस्तारित कानूनी आधार प्रदान करते हैं। इसलिए कंपनियों को बेकार कर परेशानियों में कभी भी डाला जा सकता है।

 

चीन दे रहा है राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला

इनमें कहा गया है कि चीन में अमरीकी कंपनियों और व्यक्तियों को पारंपरिक व्यावसायिक गतिविधियों के दौरान ऐसे कार्यों के लिए खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, जिन्हें नए कानून के तहत जासूसी माना गया है। उधर वाशिंगटन में चीन के दूतावास ने कहा कि बीजिंग को घरेलू कानून के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने का अधिकार है। दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा है कि चीन व्यापार में उच्च-स्तरीय खुलेपन को बढ़ावा देना जारी रखेगा और संयुक्त राज्य अमरीका सहित सभी देशों की कंपनियों के लिए  कानून-आधारित और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वातावरण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि चीनी नेता शी जिनपिंग ने 2012 में पदभार संभालने के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर दिया है। लियू पेंग्यू ने कहा कि वह विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोल रहा है।

 

कंपनियां बोली खराब किया जा रहा है माहौल

चीन का नया जासूसी विरोधी कानून बीते शनिवार यानी 1 जुलाई से लागू हो गया है। इससे विदेशी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चीन की सरकार का कहना है कि इस कानून का मकसद देश की राष्ट्रीय को मजबूत करना है। इस बारे में मूल कानून 2014 में आया था। नए कानून के मुताबिक सभी तरह के जासूसी की आशंका के जुड़े किसी भी डॉक्यूमेंट्स, डाटा, मटीरियल्स और आर्टिकल्स की जांच हो सकती है। साथ ही इसके जरिए सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को किसी भी संदिग्ध के सामान, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और प्रॉपर्टी की जांच करने का अधिकार होगा। विदेशी कंपनियों ने इस पर खासी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जल्दबाजी में बनाए गए इस कानून से बिजनेस का माहौल खराब होगा। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव के कारण यह पहले ही मुश्किल में है।

 

संदिग्धों की पहचान के मानदंड स्पष्ट नहीं

अमरीकी चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया के प्रेसिडेंट माइकल हार्ट ने कहा कि अमरीका की कंपनियां कानूनों का पालन करना चाहती हैं, लेकिन सामान्य बिजनेस एक्टिविटी भी कानून के दायरे में आएगी तो इससे मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत संदिग्धों की पहचान करने के मानदंड स्पष्ट नहीं हैं। इसलिए चीन में  कंपनियों के लिए अनिश्चितता की स्थिति बनी रहेगी।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!