Edited By Tanuja,Updated: 25 Sep, 2025 07:08 PM

सोशल मीडिया पर जोशुआ म्हलाकेला की डूम्सडे भविष्यवाणी वायरल हो गई थी, जिसमें दावा किया गया कि 23-24 सितंबर 2025 को 'रैप्चर' होगा। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि इसका कोई वैज्ञानिक या धार्मिक प्रमाण नहीं है। इतिहास में कई भविष्यवाणियाँ गलत साबित हुई हैं।
International Desk: दक्षिण अफ्रीका के धार्मिक नेता जोशुआ म्हलाकेला द्वारा की गई भविष्यवाणी के अनुसार, 23-24 सितंबर 2025 को 'रैप्चर' (Rapture) होने की संभावना जताई गई थी। उनका दावा था कि यीशु मसीह अपने सच्चे अनुयायियों को स्वर्ग में ले जाएंगे, जिससे पृथ्वी पर संकट का समय शुरू होगा। यह भविष्यवाणी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म TikTok पर #RaptureTok हैशटैग के तहत वायरल हो गई थी।
भविष्यवाणी का स्रोत
जोशुआ म्हलाकेला ने एक वीडियो में दावा किया था कि उन्हें 2018 में एक दिव्य स्वप्न में यीशु मसीह ने बताया कि 23-24 सितंबर 2025 को रैप्चर होगा। उन्होंने कहा, "मैं पूरी तरह से यकीन करता हूँ कि रैप्चर होने वाला है।" उनका यह संदेश TikTok पर वायरल हो गया, जहाँ लाखों उपयोगकर्ताओं ने इसे देखा और साझा किया। हालांकि जोशुआ म्हलाकेला की भविष्यवाणी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचाई है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक या धार्मिक प्रमाण नहीं है।
रैप्चर क्या है?
'रैप्चर' एक ईसाई विश्वास है, जिसमें कहा जाता है कि यीशु मसीह अपने सच्चे अनुयायियों को पृथ्वी से स्वर्ग में ले जाएंगे, इससे पहले कि पृथ्वी पर संकट और आपदाओं का समय शुरू हो। हालांकि बाइबिल में सीधे तौर पर 'रैप्चर' शब्द का उल्लेख नहीं है, लेकिन 1 थिस्सलुनीकियों, 1 कुरिन्थियों और मत्ती 24 जैसे ग्रंथों में इसके संकेत मिलते हैं। ([Wikipedia][2])
विशेषज्ञों की राय
ईसाई धर्म के विद्वान मैथ्यू टेलर के अनुसार, "दुनिया भर में लाखों ईसाई आधुनिक भविष्यवाणियों में विश्वास करते हैं और ऐसे मीडिया को देखते-पढ़ते व सुनते हैं जो इन भविष्यवाणियों से भरा होता है।"
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
#RaptureTok हैशटैग के तहत TikTok पर इस भविष्यवाणी को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। 23-24 सितंबर का दिन नुकल जाने के बाद कुछ लोग मजाक में उड़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की भविष्यवाणियाँ अक्सर संकट और अनिश्चितता के समय में उभरती हैं, लेकिन इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता।