Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jun, 2018 07:20 PM
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की द्विपक्षीय वार्ता से पहले चीन में भारत के राजदूत गौतम बम्बावाले ने बुधवार को कहा कि एक साथ अपनी प्रगति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए...
बीजिंग: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की द्विपक्षीय वार्ता से पहले चीन में भारत के राजदूत गौतम बम्बावाले ने बुधवार को कहा कि एक साथ अपनी प्रगति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भारत एवं चीन अपने मतभेद दूर करने की दिशा में काम करेंगे। इस हफ्ते होने जा रही मोदी और चिनफिंग की मुलाकात दो महीने से भी कम समय में उनकी दूसरी मुलाकात होगी।
मतभेदों को दूर करने का किया जाएगा प्रयास
चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में गौतम ने कहा, ‘निश्चित तौर पर हमारे बीच कुछ मतभेद हैं, लेकिन हम मतभेदों को दूर करने के लिए काम करेंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों देश एक साथ प्रगति करें और समृद्ध हों। हम एक-दूसरे से दूर या अलग नहीं होने जा रहे। हम एक साथ यह करने वाले हैं।’
चीन के वुहान शहर में अप्रैल में मोदी और चिनङ्क्षफग के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी। गौतम ने कहा कि यह ‘भारत एवं चीन, विशाल जनसंख्या वाले दो देशों, के नेताओं का एक-दूसरे से बातचीत करने और एक-दूसरे को समझने का प्रयास था ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।’ राजदूत ने कहा, ‘सबसे अहम तो यह है कि वह (शिखर वार्ता) दोनों देशों के नेताओं के बीच रणनीतिक संवाद था।
भारत चीन के लोगों के बीच संपर्क ज्यादा होना चाहिए
वुहान में उनकी चर्चा के परिणाम स्वरूप दोनों नेता कुछ आम सहमतियों पर पहुंचे। पहली और सबसे अहम सहमति तो यह है कि भारत एवं चीन प्रगति एवं आॢथक विकास में साझेदार हैं। दूसरी सहमति यह बनी कि भारत एवं चीन के बीच मतभेदों से कहीं ज्यादा समानताएं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इन समानताओं पर वे मिलकर काम करेंगे।’ चीन में भारतीय फिल्मों की कामयाबी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के मुद्दे पर गौतम ने कहा कि भारत एवं चीन के बीच लोगों से लोगों का संपर्क ज्यादा होना चाहिए। इसका एक तरीका फिल्में हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमें देखकर खुशी है कि बॉलीवुड की फिल्में लोकप्रिय हो रही हैं। अहम बात यह है कि इन फिल्मों को देखकर चीनी लोग भारत को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। भारत को बेहतर तरीके से समझने से भारत एवं चीन के लोगों के बीच परस्पर विश्वास बढ़ेगा।’ गौतम ने कहा, ‘इसी तरह, हम चीनी फिल्में भी देखना चाहते हैं ताकि हम चीन को बेहतर तरीके से समझ सकें।’