Edited By shukdev,Updated: 30 Jan, 2020 06:17 AM
संयुक्त राष्ट्र के एक महत्वपूर्ण अध्ययन में कहा गया है कि भारत ने आबादी के विभिन्न समूहों में असमानता को कम करने के लिए सफलतापूर्वक डिजिटल प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया है। इसमें कहा गया है कि असमानता दूर करने के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकियों को आधार...
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के एक महत्वपूर्ण अध्ययन में कहा गया है कि भारत ने आबादी के विभिन्न समूहों में असमानता को कम करने के लिए सफलतापूर्वक डिजिटल प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया है। इसमें कहा गया है कि असमानता दूर करने के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकियों को आधार पहचान प्रणाली से जोड़ने के देश के अनुभव को भविष्य में दूसरे देशों में अपनाया जा सकता है।
विश्व निकाय के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (डीईएसए) द्वारा प्रकाशित विश्व सामाजिक रिपोर्ट 2020 में उल्लेख है कि भारत ने अधिक समावेशी विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की क्षमता का दोहन कैसे किया है। संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में कहा कि भारत का अनुभव कहता है कि वित्तीय सेवाओं को पाने में असमानता को कम करने के लिए मोबाइल डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अन्य तकनीकों से जोड़ने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने गरीबी को कम करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का अच्छा इस्तेमाल किया। इसके लिए भारत सरकार ने वर्ष 2014 में बैंकों को निर्देश दिया कि जिनके पास अकाउंट नहीं हैं, वैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों का अकाउंट खोला जाए। इसके बाद बैंक अकाउंट को आधार कार्ड से जोड़ा गया।