पाकिस्तान की सियासत में पुराना खिलाड़ी है अमरीका

Edited By Anil dev,Updated: 11 Apr, 2022 02:01 PM

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शुक्रवार की रात जब यह तय माना जा रहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी जाने वाली है, इमरान ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने एक बार फिर अपना आरोप दोहराया कि उनके खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए प्रस्ताव के पीछे अमरीकी साजिश है।

इंटरनेशनल डेस्क: शुक्रवार की रात जब यह तय माना जा रहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी जाने वाली है, इमरान ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने एक बार फिर अपना आरोप दोहराया कि उनके खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए प्रस्ताव के पीछे अमरीकी साजिश है। 

पिछले महीने वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान और अमरीकी अधिकारी के बीच एक वाद-विवाद हुआ था। असद ने इसकी रिपोर्ट अपने देश को भेजी। इसमें बताया गया कि अमरीकी अधिकारी ने इमरान के प्रति अप्रसन्नता जताई है और कहा कि अगर अविश्वास मत के जरिए उन्हें हटा दिया जाता है तो अमरीका और पाकिस्तान के संबंध बेहतर हो सकते हैं। हालांकि अमरीका ने ये आरोप खारिज कर दिए थे, परंतु यह कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान की अंदरूनी सियासत में दखल देने के मामले में अमरीका पुराना खिलाड़ी है। पाकिस्तान और पश्चिमी एशिया के मामलों के विश्लेषक प्रोफैसर ए.के. पाशा तो यहां तक कहते हैं कि अमरीका को दूसरे देशों की सत्ता में परिवर्तन के लिए जाना ही जाता है। अमरीका 70 साल से ऐसा करता आ रहा है। चाहे वह 1953 में ईरान के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुसद्दीक को हटाना हो या पनामा में, तुर्की और ईराक में सत्ता परिवर्तन का प्रयास करना हो।

1958 से खेल रहा है अमरीका
अमरीका पाकिस्तान के साथ खेल रहा है। 1958 में जनरल अयूब खान फिर जनरल याहिया खान, जनरल जिया उल हक और जनरल परवेज मुशर्रफ, इन सभी को अमरीका का समर्थन हासिल था। यह माना जाता है कि इन चारों को पाकिस्तान की सत्ता में बैठाकर अमरीका ने शीत युद्ध और अफगानिस्तान की रणनीति तथा रूस और चीन के खिलाफ विदेश नीति में पाकिस्तान का इस्तेमाल किया। तत्कालीन कारण : प्रोफैसर पाशा के अनुसार चीन पर पाकिस्तान सरकार की निर्भरता कम करने के लिए अमरीका इस्लामाबाद में सत्ता परिवर्तन चाहता है। वह अगले 10-15 साल के लिए पाकिस्तान की सत्ता किसी सक्षम सैन्य लीडर के हाथ में चाहता है। अमरीका को पाक की चुनी हुई सरकारों से हमेशा दिक्कत आई है। पहले नवाज शरीफ, फिर बेनजीर भुट्टो और अब इमरान सरकार को साथ लेने में अमरीका को मुश्किल आती रही है इसलिए उसे लगता है कि पाकिस्तान की सत्ता सेना के हाथ में रहना अमरीका के हितों के लिए बेहतर है। भविष्य में किसी सैन्य लीडर के लिए प्रयास हो सकते हैं।

शाहबाज शरीफ: इमरान ने धनशोधन में भेजा था जेल
इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के बाद प्रधानमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पी.एम.एल.-एन) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ यथार्थवादी माने जाते हैं। वह 3 बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं। यह पहली बार है जब उनकी पार्टी पी.एम.एल.-एन., खासकर इसके सुप्रीमो नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम पर सहमति व्यक्त की है। सितम्बर 1951 में लाहौर में पंजाबी भाषी कश्मीरी परिवार में जन्मे शाहबाज ने 1980 के दशक के मध्य में अपने बड़े भाई नवाज के साथ राजनीति में प्रवेश किया। वह पहली बार 1988 में पंजाब विधानसभा के सदस्य चुने गए जब नवाज पंजाब के मुख्यमंत्री बने। शाहबाज पहली बार 1997 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने जब उनके भाई केंद्र में प्रधानमंत्री थे। 

साल 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट किया तो शाहबाज अपने परिवार के साथ 8 साल तक सऊदी अरब में निर्वासन में रहे और 2007 में वतन लौटे। वह 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। पनामा पेपर्स मामले में 2017 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, पी.एम.एल.-एन ने शाहबाज को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया। इसके बाद, 2018 के चुनावों के बाद वह नैशनल असैम्बली में विपक्ष के नेता बने। सितम्बर 2020 में, शाहबाज को भ्रष्टाचार विरोधी निकाय-राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने धनशोधन और स्रोत से अधिक आय के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था जो आरोप इमरान खान की सरकार ने उन पर लगाए थे। शाहबाज ने आरोपों से इंकार किया और वह कई महीनों तक जेल में रहे। बाद में उन्हें जमानत मिली। फिलहाल वह ब्रिटेन में पाकिस्तान की संघीय जांच एजैंसी (एफ.आई.ए.) द्वारा उनके खिलाफ लाए गए 14 अरब पाकिस्तानी रुपए के धन शोधन के मामले का सामना कर रहे हैं। वह इस मामले में भी जमानत पर हैं। 

5 शादियां कीं
 शाहबाज ने 5 शादियां कीं। फिलहाल उनकी दो पत्नियां हैं, नुसरत और तहमीना दुर्रानी, जबकि उन्होंने 3 अन्य आलिया हानी, नीलोफर खोजा और कुलसुम को तलाक दे दिया। नुसरत से उनके 2 बेटे और & बेटियां और आलिया से एक बेटी है। उनके बड़े बेटे हमजा शाहबाज पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। हमजा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ गठबंधन के उम्मीदवार परवेज इलाही के खिलाफ मुख्यमंत्री पद का चुनाव भी लड़ रहे हैं। उनका छोटा बेटा सुलेमान शाहबाज परिवार का कारोबार देखता है। वह धन शोधन और स्रोत से अधिक आय के मामले में फरार है और पिछले कुछ साल से ब्रिटेन में है।

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