Edited By Tanuja,Updated: 05 May, 2021 01:39 PM
चीन की आक्रमकता पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका और जापान सहयोग पर सहमत हो गे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और ...
इटरनेशनल डेस्क: चीन की आक्रमकता पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका और जापान सहयोग पर सहमत हुए और नई रणनीति पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने चीन से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति के साथ ही एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत का एहसास करने के लिए अपने गठबंधन को और मजबूत करने का वादा किया।
क्योडो न्यूज ने बताया कि जी 7 विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले लंदन में सोमवार को दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। ब्लिंकेन और मोतेगी ने कहा कि दोनों देश पूर्व और दक्षिण चीन के समुद्रों में बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के चीन के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करेंगे। जापानी विदेश मंत्रालय के हवाले से एनएचके वर्ल्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मोतेगी और ब्लिंकेन पूर्वी चीन और दक्षिण चीन समुद्रों में यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकपक्षीय प्रयासों का विरोध करने के लिए सहमत हुए। उन्होंने शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में चिंताओं को भी साझा किया। उन्होंने ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता का महत्व पर भी सहमति व्यक्त की।
दोनों नेताओं ने म्यांमार और उत्तर कोरिया पर भी चर्चा की। हैरानी की बात है कि बैठक के रीडआउट के अमेरिकी संस्करण में यानि विदेश विभाग की प्रेस विज्ञप्ति में चीन का कोई उल्लेख नहीं था। बता दें कि पिछले शुक्रवार को जापान के आत्मरक्षा बलों और अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारी पूर्वी चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास के खिलाफ खड़े होने के लिए सहमत हुए थे । जापान के सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के ज्वाइंट स्टाफ के प्रमुख कोजी यामाजाकी जो हवाई में मिले थे, ने चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधि के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की। ये हालिया द्विपक्षीय वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापानी प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा के बीच पहली बार व्यक्तिगत मुलाकात के बाद हुई है।