Edited By Tanuja,Updated: 28 Apr, 2019 05:32 PM
सऊदी अरब के दो शाही सलाहकारों पर पत्रकार जमाल खशोगी के कत्ल का आरोप लगाया गया है। एक को ‘सरगना'' बताया गया है लेकिन 11 संदिग्धों के खिलाफ बंद कमरे में हो रही सुनवाई में दूसरे ...
वाशिंगटनः सऊदी अरब के दो शाही सलाहकारों पर पत्रकार जमाल खशोगी के कत्ल का आरोप लगाया गया है। एक को ‘सरगना' बताया गया है लेकिन 11 संदिग्धों के खिलाफ बंद कमरे में हो रही सुनवाई में दूसरे आरोपी की गैरहाजिरी पर सवाल उठ रहे हैं। सऊदी अभियोजकों ने बताया है कि पिछले साल अक्टूबर में तुर्की के इस्तांबुल में स्थित वाणिज्य दूतावास में वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार खगोशी की हत्या खुफिया महकमे के उप प्रमुख अहमद अल असीरी की निगरानी में की गई थी। असीरी को शाही दरबार के मीडिया प्रमुख सऊद अल कहतानी ने सलाह दी थी।
सूचना से अवगत पश्चिमी देशों के चार अधिकारियों ने बताया कि ये दोनों ही सऊदी अरब के युवराज (वली अहद) मोहम्मद बिन सलमान के करीबियों में शुमार हैं। इन्हें हत्या को लेकर बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन जनवरी से मामले की सुनवाई में सिर्फ असीरी ही हिस्सा ले रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कहतानी उन 11 संदिग्धों में शामिल नहीं है जिनपर मुकदमा चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ उसके गैर हाजिर होने का मतलब क्या है? क्या सऊदी अरब उसे बचा रहा है या अलग से अनुशासित कर रहा है? यह कोई नहीं जानता है।'' सऊदी अरब के लोक अभियोजक ने पिछले साल नवंबर में संकेत दिया था कि 11 अज्ञात संदिग्धों में से पांच को खशोगी की हत्या के लिए मौत की सजा मिल सकती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों-- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस के अलावा तुर्की के राजनयिकों को कानूनी कार्यवाही के पर्यवेक्षकों के तौर पर सुनवाई के दौरान मौजूद रहने की इजाजत है। सूत्रों ने बताया कि कार्यवाही पूरी तरह अरबी में होती है। पर्यवेक्षकों को दूभाषिया लाने की इजाजत नहीं है और उन्हें बहुत कम समय के नोटिस पर बुलाया जाता है। उन्होंने बताया कि खशोगी परिवार के प्रतिनिधियों ने भी मुदकमे की एक सुनवाई में हिस्सा लिया था। पत्रकार के परिवार ने इस महीने के शुरू में उन खबरों को खारिज कर दिया था कि सऊदी अरब की सरकार के साथ उनका समझौता हो गया।