चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बड़ा झटका, फेल हुई Gaofen-02C सैटेलाइट लॉन्चिंग

Edited By Pardeep,Updated: 13 Sep, 2020 05:56 AM

launch of gaofen 02c satellite a major setback to china s space program

चीन का रिमोट सेंसिंग उपग्रह जिलिन-एक गोफेन 02-सी (Jilin-1 Gaofen-02C Satellite) शनिवार को कक्षा में पहुंचने से चूक गया। आधिकारिक मीडिया ने यहां यह जानकारी दी। उपग्रह को स्थानीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर दो मिनट पर जिकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र...

बीजिंगः चीन का रिमोट सेंसिंग उपग्रह जिलिन-एक गोफेन 02-सी (Jilin-1 Gaofen-02C Satellite) शनिवार को कक्षा में पहुंचने से चूक गया। आधिकारिक मीडिया ने यहां यह जानकारी दी। उपग्रह को स्थानीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर दो मिनट पर जिकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से कुआझु-1ए राकेट पर छोड़ा गया था। सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार प्रक्षेपण केंद्र ने कहा कि यान के असामान्य प्रदर्शन के चलते अभियान असफल रहा। केंद्र ने कहा कि विफलता के सटीक कारणों की जांच की जा रही है।

सोमवार को गिरा था चीनी रॉकेट का बूस्टर
पिछले सोमवार को अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट गॉफन 11 (Gaofen 11 Satellite) की लॉन्चिंग के दौरान चीनी वैज्ञानिकों की लापरवाही से एक बड़ी दुर्घटना होते-होते बची। लॉन्चिंग के दौरान ही रॉकेट लॉन्ग मार्च 4 बी का बूस्टर अचानक ही आसमान से एक स्कूल के पास आकर गिर गया। गनीमत रही कि इस दौरान किसी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। ये बूस्टर्स अत्यंत ज्वलनशील जेट फ्यूल से भरे होते हैं, जो किसी घातक मिसाइल जितनी चोट पहुंचा सकते हैं।

चीनी वैज्ञानिकों की लापरवाही से हुई दुर्घटना
आमतौर पर जब कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा जाता है तो उसके रॉकेट को शक्ति देने वाले बूस्टर्स को लेकर खासी सावधानी बरती जाती है। ये बूस्टर्स रॉकेट को धरती के गुरुत्वाकर्षण बल से बाहर लेकर जाते हैं। जब इन रॉकेट्स का काम या इनका फ्यूल खत्म हो जाता है तो इन्हें रॉकेट से अलग कर दिया जाता है। इस दौरान वैज्ञानिक इस बात का ध्यान रखते हैं कि रॉकेट से अलग होने के बाद धरती पर गिरते समय ये बूस्टर्स किसी रिहायशी इलाके में न गिरें। लेकिन, इस बार चीन के वैज्ञानिकों ने इसका ध्यान नहीं रखा। 

हाई रिज्योलूशन कैमरों से लैस है यह सैटेलाइट
चीन के शक्तिशाली गॉफन सैटेलाइट को उत्तरी चीन के ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च 4 बी रॉकेट के जरिए सोमवार दोपहर 1:57 बजे प्रक्षेपित किया गया था। यह एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है जो सैन्य और असैन्य दोनों तरह की गतिविधियों में प्रयोग किया जाता है। इस सैटेलाइट में कई हाई रिज्योलूशन के कैमरे लगे हैं। जो धरती की तीन फीट की ऊंचाई पर स्थित किसी ऑब्जेक्ट की हाई क्वालिटी तस्वीरें ले सकते हैं।

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