Edited By ,Updated: 12 Feb, 2017 01:19 PM
कैलीफोर्निया में इस्लामिक शिक्षा देने वाला वह स्कूल जो कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई में अमरीकी सरकार का साथ देता था, ट्रंप सरकार आने के बाद अब उसने अपना मन बदल लिया है...
वाशिंगटनः कैलीफोर्निया में इस्लामिक शिक्षा देने वाला वह स्कूल जो कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई में अमरीकी सरकार का साथ देता था, ट्रंप सरकार आने के बाद अब उसने अपना मन बदल लिया है। स्कूल ने 8 लाख डॉलर (करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए) की वह सरकारी सहायता को लेने से इंकार कर दिया है जो उसे हिंसक कट्टरता की मुखालफत के लिए मिलती थी। स्कूल ऐसा चौथा संगठन है जिसने कट्टरता से लड़ने के लिए ट्रंप सरकार से सहायता लेने से मना किया है।
यह फैसला बेयान क्लेरेमोंट ग्रेजुएट स्कूल बोर्ड की बैठक में लिया गया। यह राशि स्कूल के वार्षिक बजट की आधी से अधिक धनराशि है। कई दिन और कई रात लगातार चली बहस के बाद सरकारी मदद न लेने का फैसला किया गया। भविष्य में स्कूल कैसे चलेगा, इसकी रूपरेखा तैयार करने का कार्य जारी है। स्कूल के संस्थापक प्रमुख जिहाद तुर्क के अनुसार हम सामाजिक कार्य से जुड़े हुए हैं। हमने पाया कि अब सरकार से सहायता लेने का फायदा से ज्यादा नुकसान होगा। कई मुस्लिमों का मानना है कि ट्रंप सरकार की नीतियों से इस्लामिक कट्टरता को और मजबूती मिलेगी।
7 मुस्लिम देशों के आने वालों पर लगाए गए प्रतिबंध के दूरगामी दुष्परिणाम होंगे। राष्ट्रपति के तौर पर बराक ओबामा ने इस्लामिक कट्टरता से लड़ने के लिए धार्मिक संगठनों को सरकारी सहायता देने और उन्हें मजबूत बनाने की रणनीति बनाई थी। हाल के वर्षों में क्लेरेमोंट ग्र्रेजुएट स्कूल को सर्वाधिक सरकारी सहायता मिली थी। अमेरिका में सरकार की ओर से धार्मिक कट्टरता रोकने के लिए कुल 31 अनुदान दिए जाते हैं।