विरोध प्रदर्शनों के बीच समर्थकों की रैली में बोले ओली - संसद भंग का फैसला सही

Edited By Tanuja,Updated: 06 Feb, 2021 02:58 PM

nepal pm oli addresses huge rally defends dissolution of parliament

नेपाल के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के विरोध में बढ़ते प्रदर्शनों के बीच काठमांडू में शुक्रवार को हजारों लोगों ने उनके समर्थन में रैली की। रैली को ओली ने भी संबोधित किया ...

इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के विरोध में बढ़ते प्रदर्शनों के बीच काठमांडू में शुक्रवार को हजारों लोगों ने उनके समर्थन में रैली की जिसको ओली ने भी संबोधित किया और संसद भंग करने के अपने फैसले तथा नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा का बचाव किया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियां उत्पन्न कर दी गईं कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। इससे एक दिन पहले ओली के प्रतिद्वंद्वी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड' ने एक बड़ी सरकार विरोधी रैली की थी।

 

राजधानी में आज हुई रैली यह दिखाने का प्रयास थी कि ओली को अब भी लोगों का समर्थन प्राप्त है। काठमांडू के मध्य में एकत्र हुए हजारों लोगों ने अपने हाथों में लाल रंग के कम्युनिस्ट झंडे ले रखे थे और वे ओली के समर्थन में नारे लगा रहे थे। भीड़ ‘‘हम के पी ओली से प्यार करते हैं, ओली हमारे नायक हैं, ओली अगले 10 साल तक प्रधानमंत्री रहेंगे'' जैसे नारे लगा रही थी। ओली के गुट ने यह रैली सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड और माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाले पृथक धड़े द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शनों के जवाब में की।

 

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का पृथक धड़ा और विपक्षी दल गत 20 दिसंबर को संसद भंग किए जाने और आगामी 30 अप्रैल तथा 10 मई को नए चुनाव कराए जाने के प्रधानमंत्री के फैसले के बाद से ही उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद भंग करने के अपने कदम का बचाव करते हुए ओली ने रैली में कहा कि कुछ नेताओं ने उनकी सरकार के कामकाज में बाधा डालने की कोशिश की और उनके पास नए सिरे से जनादेश हासिल करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी गई थी कि सरकार कामकाज करने में अक्षम थी। इससे हम चुनाव में जाने को विवश हुए।''

 

ओली ने यह भी दावा किया कि पार्टी का उनका धड़ा ही असली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी है। पार्टी का पृथक धड़ा और ओली दोनों ही नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी पर अपना नियंत्रण होने का दावा करते हैं तथा मुद्दा चुनाव आयोग के समक्ष है। पृथक धड़े ने यहां तक घोषणा की है कि उसने पिछले महीने हुई एक बैठक में ओली को पार्टी से निष्कासित कर दिया। ओली ने देश में राजतंत्र की बहाली की किसी संभावना से भी इनकार किया। अपने समर्थकों द्वारा आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि वह नेपाल में राजतंत्र की बहाली के पक्ष में नहीं हैं और कोई भी देश से लोकतांत्रिक प्रणाली को नहीं छीन सकता। 

 

 

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