Edited By Seema Sharma,Updated: 31 May, 2019 12:39 PM
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच दूसरी शिखर वार्ता असफल रहने के बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिका के लिए अपने विशेष दूत को मौत के घाट उतार दिया है।
सियोल: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच दूसरी शिखर वार्ता असफल रहने के बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिका के लिए अपने विशेष दूत को मौत के घाट उतार दिया है। दक्षिण कोरिया के अखबार ‘द चोसुन इल्बो' की शुक्रवार को प्रकाशित खबर के अनुसार अमेरिका से लौटे ‘‘अपने सर्वोच्च नेता'' के साथ विश्वासघात करने के आरोप में किम ह्योक चोल को गोलियों से मरवा दिया गया। चोल ने हनोई बैठक का जमीनी काम देखा था और वह किम की निजी ट्रेन में उनके साथ भी रहे थे। अखबार ने अज्ञात सूत्र के हवाले से लिखा, ‘‘जांच के बाद मार्च में किम ह्योक चोल को विदेश मंत्रालय के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिरिम हवाईअड्डे पर गोलियों से मरवा दिया।''
खबर में अन्य अधिकारियों के नाम नहीं दिये गये हैं। किम ह्योक चोल फरवरी में आयोजित हनोई शिखर वार्ता में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफेन बीगन के उत्तर कोरियाई समकक्ष थे। बहरहाल अंतर कोरियाई संबंधों के मामलों को देखने वाले दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने इस संबंध में टिप्पणी से इनकार किया है। अखबार ने यह भी कहा कि किम जोंग उन की दुभाषिया रहीं शिन ह्ये योंग को शिखर वार्ता में गलती के लिये जेल भेज दिया गया है। अन्य राजनयिक सूत्र के हवाले से ‘चोसुन' की खबर के अनुसार जब ट्रम्प ‘‘कोई समझौता नहीं'' कहकर बैठक से बाहर जाने लगे, तब वह किम के नये प्रस्ताव को अनुवाद कर अमेरिकी राष्ट्रपति को बताने में नाकाम रही थीं।
उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों में राहत के बदले उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोक से संबंधित समझौते पर पहुंचने से नाकाम रहने के बाद किम जोंग उन और ट्रम्प वियतनाम की राजधानी से बिना किसी समझौते के लौट आये थे। उत्तर कोरिया ने इसके बाद से दबाव बढ़ा दिया है और मई में उसने दो कम दूरी वाले मिसाइल का भी प्रक्षेपण किया। अखबार के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी एवं परमाणु वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के समकक्ष रहे किम योंग चोल को भी श्रम शिविर भेज दिया गया है।