अब पूर्व सागर में कब्‍जे की फिराक में चीन, जापानी क्षेत्र में की रिकॉर्ड घुसपैठ

Edited By Tanuja,Updated: 03 Jan, 2021 02:50 PM

now china s muscle flexing in east china sea amid japanese resistance

अपनी विस्तारवादी  नीतियों व दुनिया पर साम्राज्य की सोच के चलते चीन अब दक्षिण चीन सागर के बाद  पूर्व चीन सागर पर कब्जे  की साजिश रच रहा है।

इंटरनेशनल डेस्कः अपनी विस्तारवादी  नीतियों व दुनिया पर साम्राज्य की सोच के चलते चीन अब दक्षिण चीन सागर के बाद  पूर्व चीन सागर पर कब्जे  की साजिश रच रहा है। चीन की जापान की जलसीमा से लगने वाले इस जल क्षेत्र पर बीते 62 साल से नजर है लेकिन 2020 में उसकी यहां कब्जे की कोशिश बढ़ गई। 1958 के बाद यह कोशिश दूसरी बार सबसे ज्यादा की गई। इसके तहत चीन ने बीते साल सैकड़ों बार अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमान पूर्व चीन सागर में स्थित जापानी द्वीप के नजदीक भेजे।

 

वायु और जल सीमा में उल्लंघन के जवाब में जापान की सेनाओं ने भी जवाब दिया। जापान की सेनाओं ने चेतावनी देने के साथ ही अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमान भेजे लेकिन इन प्रयासों से चीन ने अपनी मंशा साबित कर दी। क्योडो समाचार एजेंसी के अनुसार चीन की बढ़ती हवाई घुसपैठ के चलते जापान की वायुसेना ने अब सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूर्व चीन सागर के ऊपर गश्त का कार्यक्रम निश्चित किया है।

 

जापान के रक्षा राज्य मंत्री यासुहिदे नाकायामा ने दिसंबर में चीन की हरकतों पर चिंता जताई थी। इसे जापान के लिए खतरा बताया था। उन्होंने कहा, चीन इलाके की यथास्थिति बदलने के प्रयास में है। प्रत्येक दिन चीन के युद्धपोत और लड़ाकू विमान जापानी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं। चीन की बढ़ती घुसपैठ के मद्देनजर ही जापान ने अमेरिका और फ्रांस के साथ सेंकाकू द्वीप के नजदीक बीती मई में युद्धाभ्यास किया। लेकिन उससे चीन की हरकतों पर रोक नहीं लगी।

 

 बता दें कि पूर्व चीन सागर के जिस द्वीप को लेकर विवाद है उसे जापान में सेंकाकू द्वीप और चीन में डायोयू द्वीप कहा जाता है। यह द्वीप जापान के प्रशासनिक अधिकार में है जबकि चीन इस पर अपना दावा जताता है। सन 2013 से 2018 के बीच प्रति वर्ष औसतन 720 बार चीन के तटरक्षक पोत जापानी जलसीमा में गए जबकि 2020 में वे 1,157 बार गए।तटरक्षक पोतों का यह दौरा 2019 की घुसपैठ से पांच प्रतिशत ज्यादा था। अर्थात चीन पूर्व चीन सागर पर धीरे-धीरे अपना दावा मजबूत कर रहा है। इसी प्रकार से 2020 में चीन के लड़ाकू विमानों ने 638 बार जापान की वायु सीमा का उल्लंघन किया। जबकि 2019 में 500 बार किया था। वर्ष 1958 के बाद यह दूसरी बार चीन की सर्वाधिक हवाई घुसपैठ थी।

 

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