Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2017 05:46 PM
पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को आज उस समय वाशिंगटन में श्रोताओं की हंसी का पात्र बनना पड़ा, जब वह बार-बार इस बात पर जोर दे रहे थे कि पाकिस्तान में आतंकवादियों...
वॉशिंगटन: पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को आज उस समय वाशिंगटन में श्रोताओं की हंसी का पात्र बनना पड़ा, जब वह बार-बार इस बात पर जोर दे रहे थे कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है और कथित तौर पर कराची के अस्पताल में मरने वाला तालिबानी नेता कभी अफगानिस्तान से बाहर ही नहीं गया।
पाक राजदूत के चेहरे पर साफ दिखी चिड़चिड़ाहट
श्रोताओं के हंसने पर अमरीका में पाकिस्तानी राजदूत एेजाज अहमद चौधरी के चेहरे पर चिड़चिड़ाहट साफ देखी जा सकती थी। उन्होंने कहा,‘‘इसमें हंसने वाली क्या बात है?’’ पाकिस्तान में कोई आतंकी पनाहगाह न होने और मुल्ला उमर द्वारा कभी भी अफगानिस्तान से पाकिस्तान न जाने का दावा करने वाले एेजाज की इन बातों को सुनकर वाशिंगटन थिंकटैंक के लोग हंसने लगे थे।
अफगानिस्तान, ईराक और संयुक्त राष्ट्र में अमरीका के राजदूत के रूप में काम कर चुके पूर्व अमरीकी राजनयिक जाल्मे खलीलजाद ने कहा कि सच्चाई इससे अलग है।उन्होंने कहा,‘‘हमारे पास पाकिस्तान में उसकी(मुल्ला उमर)की मौजूदगी के पुख्ता सबूत हैं। हमारे पास सबूत हैं कि वहां वह कहां रहा, कहां गया...अस्पताल आदि।’’ उन्होंने कहा कि लंबे समय तक यह भी कहा जा रहा था कि बिन लादेन कभी अफगानिस्तान से बाहर नहीं गया।
उन्होंने अफगानिस्तान में अमरीकी रणनीति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोणों के मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा,‘‘इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि जब हक्कानी नेटवर्क पर ऑपरेशन चल रहा था, तब उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा था।’’ यह चर्चा अटलांटिक काउंसिल के साऊथ एशिया सेंटर में हो रही थी।चर्चा के दौरान एेजाज अकेले पड़ते दिखे क्योंकि पैनल के दो अन्य सदस्य- भारत के पूर्व मंत्री मनीष तिवारी और शीर्ष अमरीकी थिंकटैंक विशेषज्ञ एश्ले टेलिस भी खलीलजाद की बात से सहमत दिखे कि पाकिस्तान में आज भी आतंकवाद की शरणस्थली है और पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान की आेर से उन्हें सहयोग मिलता है।